ममता ने कहा, मुझे निर्वाचन आयोग से दो पत्र मिले हैं और प्रत्एक पत्र 25 से 30 पृष्ठों का है। मैं अब तक उन्हें विस्तार से नहीं पढ़ पाई हूं। लेकिन मैंने जो कुछ भी सरसरी तौर पर समझा है, उसके अनुसार आयोग अब एक जुलाई 1987 से दो दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाताओं से घोषणा पत्र मांग रहा है और यहां उन्हें नागरिकता के प्रमाण के रूप में माता-पिता दोनों के जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने होंगे।
ALSO READ: भारतीय नागरिकों को बांग्लादेशी बता रही भाजपा, ममता बनर्जी ने लगाया यह आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं निर्वाचन आयोग के इस कदम या इन तिथियों को चुनने के पीछे के तर्क को नहीं समझ पा रही हूं। यह किसी घोटाले से कम नहीं है। मैं आयोग से स्पष्टीकरण चाहती हूं कि क्या वे पिछले दरवाजे से एनआरसी को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। वास्तव में यह एनआरसी से भी ज्यादा खतरनाक लगता है, जिसका विपक्ष में मौजूद हर राजनीतिक दल को विरोध करना चाहिए। ममता बनर्जी ने खुलासा किया कि ये पत्र बिहार सरकार को भेजे गए थे और इसकी एक प्रति उन्हें भी भेजी गई।
ममता ने आरोप लगाया, बिहार में कुछ नहीं होगा क्योंकि भाजपा उस राज्य में शासन करती है और वहां विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। उनका असली निशाना बंगाल है। वे वैध युवा मतदाताओं के नाम हटाना चाहते हैं। कई माता-पिता अपना जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे। वे बंगाल के प्रवासी श्रमिक समुदाय, विद्यार्थियों, ग्रामीणों और अशिक्षित मतदाताओं को निशाना बना रहे हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव इस वर्ष के अंत में होने हैं।
ALSO READ: अमित शाह ने ममता बनर्जी पर लगाया बड़ा आरोप, बताया क्यों कर रहीं ऑपरेशन सिंदूर और वक्फ का विरोध
ममता ने निर्वाचन आयोग पर भाजपा की इच्छा के अनुसार काम करने का आरोप लगाया और ऐसे नियम बनाने के उसके अधिकार को चुनौती दी। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का नाम लिए बिना कहा, देश के लोकतांत्रिक ढांचे को चलाने में अहम भूमिका निभाने वाले केंद्रीय और राज्य स्तर के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से परामर्श किए बिना आयोग एकतरफा तरीके से ऐसा कैसे कर सकता है?
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, वे (भाजपा और आयोग) हमारे साथ बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार कर रहे हैं और यह सब केवल एक खास संघ प्रचारक की इच्छाओं को पूरा करने के लिए कर रहे हैं, जो अब सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए देश चला रहे हैं। ममता ने जनता से ‘मतदान के अधिकार को छीनने के ऐसे प्रयासों’ से सतर्क रहने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी कि यह कदम ‘भाजपा के लिए उल्टा पड़ेगा’।
निर्वाचन आयोग की टीम ने की बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण की तैयारियों पर चर्चा : निर्वाचन आयोग की एक टीम ने बृहस्पतिवार को बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की तैयारियों की समीक्षा की। निर्वाचन आयोग टीम का नेतृत्व वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग कर रहे हैं।
ALSO READ: हिंदुओं से नफरत करती हैं ममता बनर्जी, भाजपा का सनसनीखेज आरोप
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त की अध्यक्षता में निर्वाचन आयोग की टीम ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक को संबोधित करते हुए गर्ग ने कहा कि आगामी विधानसभा आम चुनाव 2025 के मद्देनजर बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया की जानी है।
ALSO READ: मुर्शिदाबाद दंगा में भाजपा-BSF की मिलीभगत, बांग्लादेशी घुसपैठिए बुलाकर दंगे करवाए, ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर लगाया आरोप
बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को विशेष प्रस्तुति के माध्यम से निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के बारे में बताया गया। विशेष गहन पुनरीक्षण को समय-सीमा के भीतर पूरा करने के लिए प्रक्रिया से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। (इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour
You may also like
सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए किशमिश दही के फायदे और बनाने की विधि
GST में बदलाव: 12% टैक्स स्लैब हटाने से आम जनता को मिलेगा लाभ
हाथ-पैर कांपने के कारण: जानें क्या हो सकते हैं गंभीर संकेत
आज का मेष राशिफल, 27 जून 2025 : सरकारी काम बनेगा और दिन सुखद बिता पाएंगे
अलीगढ़ में पुलिस ने तीन होटलों पर छापा, युवक-युवती आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए