H1B Visa News : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) द्वारा कार्य वीजा पर 1,00,000 डॉलर का भारी-भरकम शुल्क लगाने के आदेश के कुछ ही घंटों बाद शनिवार को अमेरिका में एच1बी वीजा पर रह रहे भारतीयों में दहशत, भ्रम की स्थिति और चिंता व्याप्त हो गई। कई भारतीयों ने भारत यात्रा के प्लान को रद्द कर दिया। भारत जाने वाले विमानों में सवार होने के इंतजार में बैठे कई लोगों ने आखिरी समय में अपनी यात्रा की योजनाएं रद्द कर दीं, वहीं भारत में पहले से मौजूद कई लोग स्पष्टता के अभाव में लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस फैसले के बाद अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, फाइनेंशियल कंपनी जेपी मॉर्गन और ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने अपने विदेशी कर्मचारियों को तुरंत अमेरिका लौटने की सलाह दी है।
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घबराहट और चिंता का माहौल
ट्रंप ने शुक्रवार को एच1बी वीजा शुल्क बढ़ाने संबंधी घोषणा पर हस्ताक्षर किए। यह घोषणा भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों के दिवाली और साल के अंत में अन्य छुट्टियों के लिए भारत आने से कुछ सप्ताह पहले की गई। एच1बी वीजा धारकों और अमेरिका में इस खबर पर नजर रखने वाले लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर ‘पीटीआई से बात की और जोर देकर कहा कि एच1बी वीजा धारकों व उनके परिवारों को इस समय ‘घबराहट’ और ‘चिंता’ हो रही है।
प्रक्रिया और बारिकियों से अनजान
एक व्यक्ति ने ‘पीटीआई’ को एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताया जो अपनी शादी के लिए भारत आने वाला था और जिसने इस घोषणा से उत्पन्न हुई अनिश्चितता के बीच अपनी योजना रद्द कर दी। एक व्यक्ति ने कहा कि यह यात्रा प्रतिबंध है। अगर किसी व्यक्ति के पासपोर्ट पर वैध एच1बी वीजा लगा हो और वह यात्रा कर रहा है, या छुट्टियों पर है तो आप अमेरिका में तब तक प्रवेश नहीं कर सकते जब तक उसके पास 1,00,000 अमेरिकी डॉलर के भुगतान का प्रमाण न हो। किसी को नहीं पता कि प्रक्रिया क्या है, बारीकियां क्या हैं। पूरी तरह से अफरा-तफरी मची हुई है।”
एक अन्य व्यक्ति ने कहा,“जो लोग हवाई अड्डों पर बोर्डिंग लाइन में खड़े हैं, जो लोग कल अपनी शादी के लिए निकल रहे हैं या फिर कुछ जरूरी काम के लिए आने-जाने की सोच रहे हैं, वे यात्रा रद्द कर रहे हैं क्योंकि उन्हें नहीं पता कि क्या करना है।” उन्होंने बताया कि इस बात को लेकर भी भ्रम है कि अगर किसी के पास एच1बी वीजा है और वह वर्तमान में अमेरिका में रह रहा है, तो उसके लिए इसका क्या मतलब है?
टेक कंपनियों ने की समय-सीमा से पहले लौटने की अपील
एक व्यक्ति ने प्रमुख टेक कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए आंतरिक ज्ञापनों का हवाला देते हुए कहा, “सबसे बड़ा सवाल यह है कि आप देश नहीं छोड़ सकते।” इन ज्ञापनों में कर्मचारियों से अमेरिका से बाहर न जाने या 21 सितंबर की समयसीमा से ठीक पहले वापस लौटने का आग्रह किया गया है। ट्रंप की घोषणा 21 सितंबर से लागू होगी। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “सभी कंपनियां यही कह रही हैं कि अगर आप अभी देश में हैं, तो बाहर न जाएं।”
एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जो लोग पहले से ही अमेरिका से बाहर हैं, वे आज ही किसी तरह वापस आने का रास्ता तलाश रहे हैं। ज्यादातर लोग अमेरिका लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “फिर भी, लोगों को यह नहीं पता कि वे वापस आ पाएंगे या नहीं, किसी कंपनी के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर पाने की प्रक्रिया क्या होगी। किसी को कुछ नहीं पता। और इस बारे में कोई स्पष्टता जल्द ही मिलने की भी संभावना नहीं है।”
दीवाली पर थी भारत आने की योजनाएं
लोगों ने इस घोषणा के समय की ओर भी इशारा किया, जो भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों के दिवाली और साल के अंत में होने वाली अन्य छुट्टियों के लिए भारत आने से कुछ सप्ताह पहले आई है। एक व्यक्ति ने कहा कि लोगों ने दिवाली पर भारत आने की योजनाएं बनाई थीं। वे सभी असमंजस में हैं और समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें। परिवार दिवाली और दिसंबर की छुट्टियों के लिए काफी पहले से टिकट बुक कर लेते हैं। यही वह समय होता है जब ज्यादातर लोग यात्रा करते हैं। ”
उन्होंने कहा कि यही वह समय है जब लोग सचमुच छुट्टियों के समय घर से बाहर निकलकर अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं। अब यह हो गया। क्या इसका मतलब है कि मैं इस साल यात्रा नहीं कर सकता?”
क्या कहा अमेरिकी मीडिया ने
अमेरिकी मीडिया ने कहा कि यह भारी शुल्क अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी तकनीकी दिग्गजों को प्रभावित करेगा, जो लंबे समय से सॉफ्टवेयर डेवलपर्स सहित विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए एच-1बी वीज़ा कार्यक्रम पर निर्भर हैं। सीबीएस की रिपोर्ट के अनुसार यह योजना अमेरिकी कंपनियों को खासकर अनुसंधान और विकास जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में, विदेशों में नौकरियां स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करके, उलटा असर डाल सकती है। इससे अंतराष्ट्रीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई करने से और भी हतोत्साहित हो सकते हैं।
MEA को समाधान की उम्मीद
भारत ने शनिवार को कहा कि एच1बी वीजा पर ट्रंप प्रशासन के नये प्रतिबंधों से मानवीय समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना है और उम्मीद जताई कि अमेरिकी अधिकारी इन ‘‘व्यवधानों’’ का उपयुक्त तरीके से समाधान करेंगे। ट्रंप प्रशासन के इस कदम से अमेरिका में भारतीय पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अमेरिका के इस कदम से परिवारों को होने वाली समस्याओं के कारण मानवीय संकट पैदा हो सकते हैं।
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उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अमेरिकी अधिकारी इन व्यवधानों का उपयुक्त समाधान करेंगे। जायसवाल ने कहा कि इस कदम के ‘समग्र प्रभावों’’ का अध्ययन सभी संबंधित पक्षों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें भारतीय उद्योग जगत भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका, दोनों के उद्योगों की ‘‘नवाचार और रचनात्मकता में हिस्सेदारी है और उनसे आगे के सर्वोत्तम मार्ग पर परामर्श की उम्मीद की जा सकती है।’’
उन्होंने कहा कि कुशल प्रतिभाओं के आने-जाने एवं आदान-प्रदान ने अमेरिका और भारत में प्रौद्योगिकी विकास, नवाचार, आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धात्मकता और धन सृजन में बहुत बड़ा योगदान दिया है। जायसवाल ने कहा कि इसलिए नीति निर्माता हालिया कदमों का मूल्यांकन पारस्परिक लाभों को ध्यान में रखते हुए करेंगे, जिसमें दोनों देशों के लोगों की जनता के स्तर पर मजबूत संबंध भी शामिल हैं। इनपुट पीटीआई Edited by : Sudhir Sharma
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