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उत्तराखंड में साप्ताहिक बारिश अलर्ट: क्या आप तैयार हैं?

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उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है, और धुआंधार बारिश ने पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानों तक को भिगो दिया है। मौसम विभाग ने पूरे सप्ताह बारिश और आंधी का अलर्ट जारी किया है, जिसने स्थानीय लोगों, किसानों और चारधाम यात्रियों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं। आइए, इस मौसमी बदलाव के प्रभाव और इससे निपटने के उपायों पर एक नजर डालते हैं।

बारिश का कहर: जिलों में अलर्ट

देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, नैनीताल और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले सात दिनों तक बादल गरजने, बिजली चमकने और तेज हवाओं के साथ बारिश का दौर जारी रहेगा। कुछ इलाकों में 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जिससे पेड़ उखड़ने और सड़कों पर अवरोध की आशंका बढ़ गई है। देहरादून की रहने वाली राधा जोशी ने बताया कि बारिश ने उनकी दैनिक दिनचर्या को प्रभावित किया है, और सड़कों पर जलभराव ने आवागमन को मुश्किल बना दिया।

चारधाम यात्रा पर असर

चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड पहुंचे श्रद्धालुओं को मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश के साथ बर्फबारी की संभावना जताई गई है, जिससे यात्रा मार्गों पर खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले मौसम की ताजा जानकारी लें और सुरक्षित स्थानों पर ही रुकें। स्थानीय गाइड रमेश नेगी ने सुझाव दिया कि यात्री बारिश के दौरान पहाड़ी रास्तों पर सावधानी बरतें और लैंडस्लाइड के खतरे को ध्यान में रखें।

किसानों और पर्यावरण पर प्रभाव

किसानों के लिए यह बारिश मिश्रित प्रभाव लेकर आई है। एक ओर जहां खेतों में नमी बढ़ने से कुछ फसलों को फायदा हो सकता है, वहीं भारी बारिश ने कटी हुई फसलों को नुकसान पहुंचाया है। पिथौरागढ़ के किसान सुरेश मेहता ने बताया कि उनकी गेहूं की फसल बारिश में भीग गई, जिससे नुकसान की आशंका है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण उत्तराखंड में ऐसी अप्रत्याशित बारिश अब आम हो रही है। इसे रोकने के लिए वृक्षारोपण और बेहतर जल प्रबंधन की जरूरत है।

प्रशासन की तैयारियां और सावधानियां

उत्तराखंड प्रशासन ने बारिश के अलर्ट को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है। आपदा प्रबंधन टीमें तैनात की गई हैं, और नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। अलकनंदा और गंगा जैसी नदियों में पानी बढ़ने की आशंका के चलते निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. अनिल शर्मा ने सलाह दी कि लोग बारिश के दौरान पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे न खड़े हों और वाहन चलाते समय सावधानी बरतें।

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