मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की चुनौती को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कैमरे के सामने बेबाकी से कहा, “कथा कोई चैलेंज थोड़ी है, हम सहर्ष जाएंगे और कथा करेंगे। अगर कोई दक्षिणा दे देगा तो…” यह बयान उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान दिया।
धीरेंद्र शास्त्री का यह जवाब अखिलेश यादव के उस बयान पर आया, जिसमें उन्होंने बाबा के दक्षिणा लेने पर सवाल उठाए थे। बागेश्वर बाबा ने साफ कहा कि वह अखिलेश के बुलावे पर कथा करने को तैयार हैं।
अखिलेश का बयान और बाबा का जवाबलगभग एक महीने पहले अखिलेश यादव ने कथावाचकों पर कथित प्रताड़ना के बाद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि कथावाचक इतने महंगे हो गए हैं कि लोग उन्हें घर नहीं बुला सकते। इस दौरान अखिलेश ने धीरेंद्र शास्त्री पर ‘अंडर द टेबल’ मोटी रकम लेने का आरोप लगाया था। जब TV9 भारतवर्ष ने इस मुद्दे पर बागेश्वर बाबा से बात की, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर अखिलेश यादव उन्हें बुलाते हैं, तो वह खुशी-खुशी कथा करने जाएंगे।
धीरेंद्र शास्त्री का खुला न्योताधीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अखिलेश यादव उनके मैनेजमेंट से बात कर समय तय कर सकते हैं, और वह निश्चित रूप से कथा के लिए जाएंगे। दक्षिणा के सवाल पर उन्होंने साफ किया कि वह खुद दक्षिणा नहीं मांगते, लेकिन अगर कोई मन से देता है, तो वह उसे स्वीकार करते हैं। यह दक्षिणा जन कल्याण के कार्यों में लगाई जाती है। बाबा ने यह भी बताया कि उनके धाम पर हर जाति और वर्ग के लोग आते हैं, और सभी का स्वागत होता है। उनके भंडारे में भी सभी शामिल होते हैं, और वह किसी को मना नहीं करते।
अखिलेश ने क्यों उठाया था मुद्दा?दरअसल, उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में गैर-ब्राह्मण कथावाचकों के साथ कथित बदसलूकी की घटना ने तूल पकड़ा था। कुछ दबंगों ने कथावाचकों की जाति जानने के बाद उनके बाल मुंडवा दिए और मारपीट की। इतना ही नहीं, इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया गया। इस मामले ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी थी। इसी मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने बागेश्वर बाबा पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह कथा के लिए मोटी फीस लेते हैं।
बागेश्वर बाबा का संदेशधीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान में कहा कि उनकी कथा में हर धर्म और जाति के लोग शामिल होते हैं। वह सभी का स्वागत करते हैं और कथा सुनाने में कोई भेदभाव नहीं करते। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कथावाचन कोई गलत काम नहीं है, और सभी वर्गों के लोग इसे करते हैं।
You may also like
मजेदार जोक्स: बताओ, सबसे तेज़ जानवर कौन सा है?
Health Tips- प्रेग्नेंसी के दौरान संबंध बनाना सुरक्षित हैं या नहीं, आइए जानते हैं विशेषज्ञ क्या कहते हैं
Mouth Health Care Tips- अगर आप चार दिन तक ब्रश नहीं करें, तो क्या होगा
चिन्नास्वामी भगदड़ के बाद, वेंकटेश प्रसाद लड़ेंगे कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) चुनाव
Semiconductor Chip- सेमीकंडक्टर चिप क्या होती हैं, प्रधानमंत्री ने क्यों किया लाल किलें पर इसका जिक्र