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उत्तराखंड में शिक्षा क्रांति: सरस्वती विद्या मंदिर में नए छात्रावास का शिलान्यास!

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को देहरादून के मांडूवाला स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में एक नए छात्रावास के शिलान्यास समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह छात्रावास न केवल आवासीय सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर के छात्रों को हाल ही में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शत-प्रतिशत परिणाम हासिल करने के लिए बधाई दी। साथ ही, उन्होंने बताया कि विद्या भारती जैसे संस्थान भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और राष्ट्रभक्ति की भावना को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। (Education in Uttarakhand)

शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार हुए हैं। उत्तराखंड ने देश में सबसे पहले नई शिक्षा नीति (NEP) को लागू किया, जिसके तहत 141 पीएम श्री विद्यालय और नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, 13 जिलों के 500 स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम की सुविधा शुरू की गई है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य कर दी गई हैं।

मेधावी छात्रों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं

उत्तराखंड सरकार ने मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत 6वीं से 12वीं कक्षा के होनहार छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। इसके साथ ही, प्रत्येक विकासखंड के 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण का अवसर प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना भी शुरू की गई है, जो बच्चों के व्यक्तित्व विकास और शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, और जल्द ही सभी निजी स्कूलों को भी इस केंद्र से जोड़ा जाएगा। (Meritorious Students)

विद्या समीक्षा केंद्र: उत्तराखंड का अनूठा कदम

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने गुजरात मॉडल पर आधारित विद्या समीक्षा केंद्र को लागू किया है। इससे लगभग 16 हजार स्कूलों को जोड़ा जा चुका है। यह केंद्र शिक्षकों, छात्रों और शैक्षिक गतिविधियों की जानकारी को एक केंद्रीकृत प्रणाली के जरिए सरकार तक पहुंचाता है। यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने में मदद कर रही है। (Vidya Sameeksha Kendra)

खेलों में भी उत्तराखंड की नई उड़ान

शिक्षा के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार खेलों पर भी विशेष ध्यान दे रही है। करोड़ों रुपये की लागत से स्टेडियम और खेल सुविधाओं का निर्माण किया गया है। 8 वर्ष की उम्र से ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों में निःशुल्क प्रशिक्षण, शिक्षा, आवास और भोजन की सुविधा उपलब्ध है। राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत की गई है। हाल ही में 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल जीतकर इतिहास रचा। (Sports in Uttarakhand)

विद्या भारती: संस्कार और शिक्षा का संगम

मुख्यमंत्री ने विद्या भारती के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन देशभर में 12 हजार से अधिक स्कूलों का संचालन करता है, जहां 35 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं। इन स्कूलों में आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति, नैतिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दिया जाता है। यह शिक्षा प्रणाली चरित्र निर्माण और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना को विकसित करती है। (Vidya Bharti)

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