जिस तरह बैंक अकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए बार-बार KYC कराना पड़ता है, ठीक उसी तरह अब अपने वाहन के फास्टैग को वैरिफाई करने के लिए KYV पूरा करना जरूरी हो गया है। देश के सभी वाहन मालिकों को ये नियम मानना होगा, खासकर उन लोगों को जो फास्टैग इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर KYV नहीं किया तो फास्टैग काम नहीं करेगा और टोल पर पूरा कैश देना पड़ेगा।
ये नियम 31 अक्टूबर 2024 से अनिवार्य हो चुका है। इसमें सभी फास्टैग यूजर्स को अपने वाहन और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) की फोटो अपलोड करनी होंगी, ताकि कन्फर्म हो सके कि फास्टैग सही गाड़ी से लिंक है।
और हां, ये वैरिफिकेशन हर तीन साल में दोबारा करना पड़ेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) को इस बारे में जानकारी दी है। NPCI ही फास्टैग से टोल कटौती का काम संभालता है। ये कदम फास्टैग में हो रही धोखाधड़ी रोकने के लिए उठाया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि कुछ लोग फास्टैग को गाड़ी के विंडशील्ड पर चिपकाने की बजाय जेब या पर्स में रख लेते हैं, जिससे दुरुपयोग बढ़ रहा है। दूसरे अधिकारी ने कहा, “कई बार कार वाले टैग को ट्रक पर लगाकर कम टोल चुकाते हैं। KYV से ऐसी गड़बड़ियां रुकेंगी।”
एक सूत्र के मुताबिक, फास्टैग शुरू करने का मकसद डिजिटल टोल कलेक्शन था, लेकिन बैंकों ने जारी करते समय थोड़ी लापरवाही की। अब KYV से सिस्टम को क्लीन बनाया जाएगा।
फास्टैग के साथ KYV अब जरूरी हो गया हैसवाल – सड़क परिवहन मंत्रालय को KYV लागू करने की क्या जरूरत पड़ी? मुख्य वजह फास्टैग के दुरुपयोग को रोकना है। मंत्रालय अब ये सुनिश्चित करेगा कि फास्टैग सही कैटेगरी के वाहन पर लगा हो और एक्टिव रहे। ये इसलिए भी जरूरी क्योंकि मल्टीलेन फ्री फ्लो (MLFF) सिस्टम आने वाला है, जिसमें गाड़ियां बिना रुके या स्लो हुए निकलेंगी, कोई बैरियर नहीं होगा।
इसके अलावा शिकायतें थीं कि लोग एक गाड़ी का फास्टैग दूसरी पर लगा रहे थे, पुराने मालिक के नाम टैग एक्टिव रह जाता था जबकि गाड़ी बिक चुकी होती थी। फर्जी या डुप्लिकेट टैग बाजार में घूम रहे थे। कई टैग गलत कैटेगरी में रजिस्टर्ड थे, जैसे कार का टैग ट्रक पर। इन सबको रोकने के लिए NHAI ने KYV शुरू किया। KYV के बाद हर टैग के पीछे क्लियर जानकारी होगी – किस गाड़ी पर, किस मालिक के नाम और किस बैंक से जुड़ा है।
सरकार का प्लान है कि अगले 4-5 साल में चार या ज्यादा लेन वाले सभी हाईवे को MLFF में लाया जाए। इसलिए ‘एक वाहन, एक टैग’ बहुत जरूरी है।
सवाल – क्या सभी फास्टैग वालों को KYV करना पड़ेगा? हां, NPCI की नोटिफिकेशन के अनुसार सभी फास्टैग को KYV फॉलो करना होगा। इसमें फास्टैग को स्पेसिफिक वाहन नंबर से लिंक करना जरूरी है। बैंकों को ‘एक वाहन-एक टैग’ नियम मानना पड़ेगा। पांच साल पुराने सभी टैग बदलने होंगे।
KYV नहीं किया तो टोल पर फास्टैग इनवैलिड हो जाएगा, भले बैलेंस भरा हो। (Image:AI)
सवाल – फास्टैग वालों को क्या करना होगा? वाहन का RC अपलोड करें, गाड़ी के सामने की फोटो लें जिसमें फास्टैग और नंबर प्लेट दिखे। साइड इमेज भी अपलोड करें जिसमें टैग और एक्सल दिखे। वैलिड KYV बिना फास्टैग ऑटोमैटिक डीएक्टिवेट हो जाएंगे।
सवाल – KYV नहीं करने पर टोल पर गाड़ियां रोकी जा रही हैं? हां, कुछ गाड़ियों को टोल पर रोककर बताया जा रहा है कि KYV न होने से फास्टैग काम नहीं कर रहा। लेकिन ज्यादातर यूजर्स की शिकायत है कि अपलोड सही से नहीं हो पा रहा। इस पर कंप्लेंट्स आ रही हैं।
सवाल – सभी फास्टैग धारकों को KYV जरूरी? हां, सभी वाहन मालिकों के लिए अनिवार्य है, चाहे फास्टैग किसी बैंक या पेमेंट ऐप से हो। NHAI ने कहा है कि KYV न करने वालों के टैग ब्लॉक या डीएक्टिवेट हो जाएंगे। टोल पर फास्टैग से पेमेंट नहीं होगा, कैश का झंझट होगा।
सवाल – KYV में कौन से डॉक्यूमेंट्स चाहिए? आमतौर पर चार चीजें – वाहन का RC (नंबर और मालिक नाम वाला), ID प्रूफ जैसे आधार, पैन या पासपोर्ट, फास्टैग नंबर या ID, और कुछ केस में सेल्फी। अगर कार 5 साल पुरानी है या सेकंड हैंड खरीदी है तो जरूर KYV कराएं।
सवाल – KYV प्रक्रिया कैसे पूरी करें? अपने फास्टैग प्रोवाइडर की वेबसाइट या ऐप पर लॉगिन करें, जैसे ICICI FASTag, HDFC FASTag, Paytm FASTag, Amazon Pay FASTag आदि। ‘Update KYV’ या ‘Know Your Vehicle’ सेक्शन में जाएं। वाहन नंबर और फास्टैग ID डालें। RC, ID प्रूफ आदि अपलोड करें। सबमिट करें, OTP या ईमेल वेरिफाई करें। कुछ दिनों में फास्टैग ‘Active and Verified’ दिखेगा। सब सही रहा तो टैग नॉर्मल चलेगा।
सवाल – बिना KYV फास्टैग काम करेगा? नहीं, NHAI के नए नियम से अनवेरिफाइड या पार्शियली वेरिफाइड टैग टोल पर रिजेक्ट हो जाएंगे। बैलेंस होने पर भी पेमेंट फेल, कैश देना पड़ेगा।
सवाल – KYV के फायदे क्या हैं? फास्टैग का गलत यूज रुकेगा। एक टैग सिर्फ उसी गाड़ी पर चलेगा। चोरी या सेल के बाद ट्रेसिंग आसान। नया मालिक नया टैग लेगा। टोल में ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी। गलत कैटेगरी टैग की गड़बड़ी खत्म। धोखाधड़ी और डुप्लिकेट कम होंगे। यूजर्स को बेहतर ट्रैकिंग मिलेगी।
सवाल – KYV फ्री है या पैसे लगेंगे? अभी पूरी तरह फ्री है, कोई चार्ज नहीं।
सवाल – KYV एक बार बाद कब दोबारा? एक बार KYV स्थायी है, जब तक गाड़ी न बेचें या टैग ट्रांसफर न करें। मालिकाना हक या RC नंबर बदलने पर नई गाड़ी के लिए फिर से करना पड़ेगा।
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