दक्षिण-पूर्व अरब सागर और केरल-कर्नाटक के तटों से दूर लक्षद्वीप इलाके में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। ये आगे पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ सकता है और अगले 24 घंटों में डिप्रेशन में बदलने की संभावना है।
ऐसे में आने वाले सात दिनों में केरल, लक्षद्वीप, तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश और तटीय व दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में क्या होगा असर?पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के साथ मध्य भारत में 19 से 23 अक्टूबर तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ भारी वर्षा की आशंका है। 23 अक्टूबर को मिजोरम में भी यही हाल रह सकता है। 19 से 21 अक्टूबर तक ओडिशा में, जबकि 19 से 25 अक्टूबर तक अंडमान और निकोबार में बिजली चमकने और तेज हवाओं के साथ तूफान आ सकता है। 21 से 23 अक्टूबर के बीच मध्य प्रदेश और विदर्भ में, 20 से 24 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ में, और 19 से 23 अक्टूबर तक नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम व त्रिपुरा में बिजली कड़कने की संभावना है।
पश्चिम भारत पर नजरपश्चिम भारत में अगले तीन दिनों तक कोंकण, गोवा, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में बिजली के साथ तूफान आने का खतरा है।
वहीं, 21 अक्टूबर के आसपास दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर एक और कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए तमिलनाडु और केरल के कोयंबटूर, नीलगिरी, इरोड, तिरुप्पुर, थेनी और तेनकासी जिलों के घाट इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। चेन्नई और उसके आसपास के जिलों में कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश के एक-दो दौर हो सकते हैं। 16 अक्टूबर को उत्तर-पूर्वी मानसून शुरू होने के बाद से तमिलनाडु में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है।
तमिलनाडु में कितनी बारिश दर्ज?तमिलनाडु में बारिश की मात्रा पर मौसम कार्यालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में नीलगिरी के कोथागिरी में सबसे ज्यादा 14 सेमी वर्षा हुई, जबकि मयिलादुथुराई के सिरकाली में सिर्फ 1 सेमी बारिश दर्ज की गई। रविवार के बुलेटिन में विभाग ने कहा कि ऊपरी हवा का चक्रवाती सर्कुलेशन दक्षिण अंडमान सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर बना है, जो समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। बुलेटिन में आगे लिखा है, “इसके असर से 21 अक्टूबर, 2025 के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। ये उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा और अगले 48 घंटों में बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सों में डिप्रेशन के रूप में मजबूत हो सकता है।”
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