भारत की मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने अपने खेल के मैदान के बाहर भी एक नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने हाल ही में 30 लीटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट करके मां बनने के बाद एक अनोखा उदाहरण पेश किया है। यह नेक काम उन्होंने अपने बच्चे के जन्म के बाद शुरू किया, ताकि जरूरतमंद नवजात शिशुओं की मदद हो सके। ज्वाला ने इस पहल के जरिए न केवल मातृत्व की ताकत दिखाई, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल भी कायम की।
मातृत्व और समाजसेवा का अनोखा संगमज्वाला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में 30 लीटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट किया। उन्होंने बताया कि मां बनने के बाद उन्हें इसकी अहमियत समझ आई और वह चाहती थीं कि उनका योगदान उन बच्चों तक पहुंचे, जिन्हें यह जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। इस नेक काम के लिए उन्होंने एक स्थानीय मिल्क बैंक के साथ मिलकर काम किया। ज्वाला ने कहा, “यह मेरे लिए बहुत खास अनुभव रहा। मैं चाहती हूं कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इस दिशा में आगे आएं।”
ज्वाला की प्रेरणाज्वाला ने बताया कि उनकी इस पहल के पीछे का मकसद था कि वह दूसरी माताओं को भी ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कई बार लोग इस विषय पर खुलकर बात नहीं करते, लेकिन यह बेहद जरूरी है। मिल्क बैंक में डोनेट किया गया दूध उन नवजात शिशुओं के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है, जिनकी मांएं उन्हें स्तनपान नहीं करा पातीं। ज्वाला की यह पहल न केवल उनकी सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि खेल के सितारे समाज में बदलाव लाने में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
समाज में जागरूकता की जरूरतज्वाला ने अपने इस कदम के जरिए ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की है। भारत में अभी भी इस विषय पर बहुत कम लोग बात करते हैं, और मिल्क बैंकों की संख्या भी सीमित है। ज्वाला का मानना है कि अगर ज्यादा लोग इस बारे में जानेंगे, तो यह पहल और बड़े स्तर पर पहुंच सकती है। उन्होंने अपने फैंस और फॉलोअर्स से अपील की कि वे इस नेक काम में हिस्सा लें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
ज्वाला का खेल और समाजसेवा में योगदानज्वाला गुट्टा न केवल बैडमिंटन कोर्ट पर अपनी शानदार उपलब्धियों के लिए जानी जाती हैं, बल्कि अब वह सामाजिक कार्यों में भी अपनी पहचान बना रही हैं। इस पहल के जरिए उन्होंने दिखाया कि एक खिलाड़ी न केवल मैदान पर, बल्कि समाज में भी बड़ा बदलाव ला सकता है। उनकी इस कोशिश की हर तरफ तारीफ हो रही है, और लोग उन्हें एक प्रेरणास्रोत के रूप में देख रहे हैं।
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