सिरसा, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । सिरसा जिला के गांव धोत्तड़ के निकट घग्घर नदी से निकलने वाले खरीफ चैनल ओवरफ्लो होकर शनिवार सुबह टूट गया। पानी का बहाव तेज होने के कारण खारियां-धोत्तड़ रोड पर बाइक पर सवार होकर जा रहे दो व्यक्ति इसमें बह गए जिससे एक युवक की मौत हो गई। जबकि दूसरा घायल हो गया। घटना के रोष स्वरुप ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मौके पर पहुंच कर नारेबाजी की और कहा कि लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।
ग्रामीणों के अनुसार जिला प्रशासन को पहले ही अवगत करवाया दिया गया था कि धोत्तड़ के निकट खरीफ चैनल की हालत खस्ता है जिस कारण कभी भी चैनल टूट सकता है, लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा 30 वर्षीय संदीप को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ा। खरीफ चैनल टूटने से करीब एक हजार एकड़ फसल भी डूब गई है।
जानकारी के अनुसार संदीप जिला नागरिक अस्पताल में स्वीपर के पद पर कार्यरत था। शनिवार तडक़े वह अपने बहनोईके साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहा था। धोत्तड़ के निकट खरीफ चैनल ओवरफ्लो होकर टूटा था। पानी सडक़ से होकर गुजर रहा था और सडक़ बड़ा गड्ढा बन गया जिसमें बाइक फंस गई और उसमें सवार संदीप व उसका बहनोई बह गए। बाद में ग्रामीणों ने काफी आगे जाकर संदीप को बाहर निकाला और अस्पताल में पहुंचाया जहां उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं उसका बहनोई घायल हो गया, उसे भी उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खरीफ चैनल टूटने से गांव धोत्तड़ के आसपास करीब एक हजार एकड़ फसल जलमग्र हो गई है। नरमा फसल को भी काफी नुकसान हुआ है।
जैसे ही ग्रामीणों को हादसे का पता चला तो वे मौके पर पहुंचे और और जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर धरने पर बैठे गए।
ग्रामीणों के अनुसार बीते दिवस ही खरीफ चैनल की खस्ता हाल को लेकर ग्रामीण उपायुक्त व सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मिले थे और उन्हें स्थिति से अवगत करवाया। जिस पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से कहा कि खरीफ चैनल को संभालना विभाग का काम है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन की लापरवाही से यह हादसा हुआ है। यदि समय रहते खरीफ चैनल की मरम्मत व पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई हो जाती तो नहर नहीं टूटती।
ग्रामीणों ने कहा कि सूचना मिलने पर खानापूर्ति के लिए सिंचाई विभाग के जेई व कुछ अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि हादसे के लिए जिम्मेदार सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और मृतक संदीप के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। ग्रामीणों ने बताया कि संदीप कमाने वाला इकलौता था और उसकी तीन बेटियां हैं। तीन साल पहले संदीप के पिता की मौत हो गई थी और सारी जिम्मेदारी संदीप के सिर पर थी।
—————
(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
You may also like
बिहार की 243 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों का पूरा समर्थन करेंगे : रामदास आठवले
भाजपा कभी नहीं चाहती दिल्ली की जनता के काम हों : अंकुश नारंग
3 दिन तक एक ही अंडरवियर पहनने पर पत्नी ने थमा दिया तलाक का नोटिस
भारतीय क्रिकेट टीम का बांग्लादेश दौरा टला, बीसीसीआई ने बताई वजह
अमित शाह ने आणंद में त्रिभुवन सहकारिता विवि का शिलान्यास किया