भोपाल, 27 जून (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा और निर्देशों के अनुरूप भोपाल जिले में 30 मार्च से 30 जून तक चल रहे जल गंगा संवर्धन अभियान ने ग्रामीण अंचलों में जल संरक्षण को जन-आंदोलन का रूप दे दिया है। इस अभियान की प्रेरणादायक मिसाल बनकर उभरा है। जिले की जनपद पंचायत फंदा ग्राम पंचायत सरवर, जहाँ सामूहिक सहभागिता, नवाचार और सतत प्रयासों ने जल संकट को विकास की धार में बदल दिया है। मात्र कुआँ खोदने से नहीं, उसे जीवन देने का प्रयास ज़रूरी है – यह सोचकर गांव के जागरूक नागरिकों और ग्राम पंचायत ने एक नई राह चुनी।
जनसम्पर्क अधिकारी अरुण शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि ग्राम सभा में हुई सामूहिक चर्चा में यह तय किया गया कि अब केवल पानी निकालना नहीं, बल्कि धरती मां को वापस देना भी जरूरी है। रिचार्ज पिट : छोटी सी कोशिश, बड़े परिणाम – वर्ष 2025-26 में मनरेगा के तहत उसी सामुदायिक कूप के पास एक रिचार्ज पिट का निर्माण किया गया। आसपास की गलियों और छतों के वर्षाजल को पाइपों द्वारा इस पिट में लाया गया, जहां रेत, गिट्टी और पत्थरों की परतों से होकर पानी धीरे-धीरे ज़मीन में उतरने लगा। इसका परिणाम यह हुआ कि अब कूप मई-जून तक भी जल से भरा रहता है। गांव में जलस्तर में 10 से 12 फीट तक की वृद्धि दर्ज की गई है। आज इस नवाचार की वजह से न सिर्फ सामुदायिक कूप, बल्कि आसपास के हैंडपंप और निजी कुएं भी जल से भरपूर हैं।
शासन, समाज और समझ की त्रिवेणी – इस परिवर्तन की कहानी सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि सरकार की दूरदृष्टि, योजनाओं के सटीक क्रियान्वयन और जनता की सहभागिता की मिसाल है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जल संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता इस अभियान में स्पष्ट झलकती है। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अमले ने भी जमीनी स्तर पर इसे केवल योजना नहीं, बल्कि जनचेतना का रूप दिया है।
ग्राम पंचायत सरवर में हितग्राही कैलाश पुत्र करण सिंह कृषि का कार्य करते है। उन्होंने मनरेगा योजना के अंतर्गत डगवेल रिचार्ज बनवाएं इससे ग्रामवासियों को मजदूरी के रूप में आय का साधन मिला। इसके साथ ही उनके कूप में साल भर पानी की उपलब्धता रहेगी। जिसके फलस्वरूप उनको फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा। इस कार्य में ग्राम पंचायत के जल दूत विक्रम सिंह, रमेश कनास सहित ग्रामवासियों का सहयोग रहा।
(Udaipur Kiran) तोमर