नई दिल्ली, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । देवों के देव महादेव की उपासना का पवित्र माह सावन (श्रावण) आज लग गया। इसी के साथ पवित्र कांवड़ तीर्थयात्रा का आरंभ भी हो गया। देशभर में सुबह से लोग पवित्र जलधाराओं में डुबकी लगाकर भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। शिवालय और अन्य हिन्दू मंदिर हर-हर गंगे और हर-हर महादेव से गुंजायमान हैं। सावन भारतीय जीवन एवं लोक परंपरा में अत्यंत पवित्र एवं उल्लासकारी माह है। यह लोकमंगल की कामना और अन्नोत्पादन का आधार माह भी है।
मध्य प्रदेश में उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सावन के पहले दिन शुक्रवार तड़के महाकालेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिए लोगों की कतार लगी हुई है। मंदिर में रुद्राभिषेक हो चुका है। रुद्राभिषेक के दौरान भगवान शिव को दूध, दही और शहद अर्पित किया गया। यहां पुजारी वैदिक मंत्रोच्चार कर रहे हैं। इस बार पवित्र सावन माह का समापन नौ अगस्त को होगा।
भगवान शिव का प्रिय दिन सोमवार है। इसलिए सावन माह के प्रत्येक सोमवार को महादेव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक बहुत शुभ माना गया है। यही नहीं श्रावण माह के सभी मंगलवार भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती को समर्पित हैं। पौराणिक आख्यानों में इस माह का विशेष स्थान है। माना जाता है कि इसी माह भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष का पान कर ब्रह्मांड को उसके विषाक्त प्रभाव से बचाया था।
उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तर प्रदेश के वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित श्री गौरीशंकर मंदिर में शिवभक्तों की कतार लगी हुई है। लोग सुबह से भगवान शिव का जलाभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। आज से कांवड़ तीर्थयात्रा का आरंभ भी हो रहा है। दिल्ली, मेरठ और सहारनपुर में सरकार के स्तर पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कांवड़ यात्रा के मद्देनजर हरियाणा में अंबाला-देहरादून सड़क मार्ग को फिलहाल वन-वे किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांवड़यात्रियों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। दिल्ली समेत उत्तर भारत के हजारों शिवभक्त हरिद्वार, गंगोत्री और गोमुख से गंगाजल लेकर लौटेंगे। शिवभक्त इस पवित्र जल से अपने-अपने स्थानों के शिवालयों में 23 जुलाई (शिवरात्रि) को जलाभिषेक करेंगे। नोएडा में आज से 25 जुलाई तक मार्ग परिवर्तन किया गया है। यह आज रात 10 बजे से प्रभावी हो जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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