दस से बीस लाख लोगों में से एक व्यक्ति के पाई जाती है इस तरह की बीमारी
जोधपुर, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . मथुरादास माथुर अस्पताल में एक अधेड़ व्यक्ति की पेट की दुर्लभ गांठ की जटिल सर्जरी की गई है. ऑपरेशन के पश्चात मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है और आराम से भोजन ले रहा हैै.
दरअसल 53 वर्षीय एक व्यक्ति बुखार, उल्टी, पेट दर्द, कब्ज और सेप्टिसेमिक शॉक के साथ मेडिकल डिपार्टमेंट में वरिष्ठ आचार्य डॉ. इंदु थानवी की यूनिट में भर्ती हुआ, जहां जांच करने पर पता लगा कि मरीज के पेट में गांठ है. उसे सर्जरी इवैल्यूएशन के लिए आचार्य डॉ. दिनेश दत्त शर्मा की यूनिट में ट्रांसफर किया गया.
मरीज पिछले एक साल से पेट दर्द, सूजन से परेशान था. कभी-कभी खाना खाने में दिक्कत, चक्कर आना तथा पेट में एक विशेष प्रकार की चुभन महसूस होती थी. डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने बताया कि मरीज को एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार की गांठ थी जिसे रेट्रोपेरिटोनियल लिम्फैंजियोमा कहा जाता है. पेट में यह गांठ लगभग 10 से 20 लाख जनसंख्या में एक जने के होती है. इस प्रकार की गांठे शरीर की लसिका तंत्र से निकलती है जिसकी वजह से दर्द एवं पेट में भारीपन जैसी समस्या ज्यादा होती है.
डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने बताया कि जांचों में पता लगा कि यह गांठ पेट के बहुत ही जटिल जगह बाईं ओर के रेट्रोपेरिटोनियल स्पेस में स्थित थी. चूंकि ट्यूमर का आकार बड़ा था, इसलिए इसने महत्वपूर्ण रेट्रोपेरिटोनियल अंगों दबाव के साथ विस्थापित कर दिया था, इसके प्रेशर से आंतों में रुकावट भी पैदा हो गई थी.
ऑपरेशन करने वाली टीम में आचार्य एवं यूनिट प्रभारी डॉ. दिनेश दत्त शर्मा के साथ सहायक आचार्य डॉ. पारंग आसेरी, डॉ. दिव्यम नौट्याल, डॉ. अनिकेत, डॉ. प्रतिभा, डॉ. सुरेश गोयल ने सहयोग किया. बेहोशी की टीम में डॉ. गीता सिंगारिया, डॉ. गायत्री तंवर, डॉ. आभास ने अपना योगदान दिया एवं नर्सिंग ऑफिसर टीम में ओटी इंचार्ज रेखा पंवार, सुमेर सिंह राजपुरोहित के साथ कलावती और अंजू का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
ऑपरेशन में सबसे बड़ा चैलेंज गांठ के आसपास के अंगों को अलग करना और उन्हें बचाना था. ऑपरेशन में गांठ तक पहुंचने के लिए गांठ के आसपास के वाइटल स्ट्रक्चर्स को बड़ी सावधानी से अलग किया गया ताकि मरीज के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके और सर्जरी से होने वाले कॉम्प्लिकेशन रोके जा सके.
मथुरादास माथुर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया कि मथुरादास माथुर अस्पताल में इस प्रकार के जटिल ऑपरेशन निरंतर होते रहते हैं और ये सभी ऑपरेशन मां योजना के तहत नि:शुल्क किए जाते हैं. उन्होंने एवं डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. बीएस जोधा ने पूरी टीम को बधाई दी.
(Udaipur Kiran) / सतीश
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