काठमांडू, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री दीपक खडका ने कहा है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के प्रस्तावित भारत भ्रमण के समय लंबे समय से लंबित पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इस तरह से आगे बढ़ाने के लिए तैयारी का काम चल रहा है, जिससे नेपाल और भारत दोनों को लाभ होने की उम्मीद है।
ऊर्जा मंत्री खडका ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की 16 सितंबर को प्रस्तावित भारत की आगामी यात्रा के दौरान परियोजना पर एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए आधारभूत कार्य पर काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। खडका ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान परियोजना से संबंधित अनसुलझे मुद्दों को द्विपक्षीय चर्चाओं के माध्यम से संबोधित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नेपाल में ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण क्षमता है, लेकिन संसाधनों की बाधाओं, कानूनी बाधाओं और वित्तीय चुनौतियों के कारण पश्चिमी सेती जैसी प्रमुख परियोजनाएं वर्षों से रुकी हुई हैं।
नेपाल और भारत ने 12 फरवरी, 1996 को महाकाली संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसमें महाकाली नदी पर शारदा, टनकपुर और पंचेश्वर परियोजनाओं का संयुक्त विकास शामिल था। भारत ने 1956 में पंचेश्वर बांध स्थल की पहचान की थी, जिसमें 1971 में प्रारंभिक अध्ययनों में 1,000 मेगावाट क्षमता का अनुमान लगाया गया था। 1991 के एक संशोधित डिजाइन ने इसे बढ़ाकर 6,480 मेगावाट कर दिया। नेपाल ने 1995 में अपनी विस्तृत रिपोर्ट पूरी की। इस परियोजना का उद्देश्य पंचेश्वर से 6,650 मेगावाट और रुपालीगढ़ से 1250 मेगावाट का उत्पादन करना है। साथ ही कंचनपुर और भारत के कुछ हिस्सों के लिए सिंचाई लाभ भी प्रदान करना है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
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