रांची, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) . खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और Jharkhand राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (जेएसएफएसवाई) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए Saturday को मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने किया.
इस दौरान विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी मोनी कुमारी और जिला आपूर्ति पदाधिकारी राम गोपाल पांडे सहित अन्य सम्बंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.
कार्यशाला में जिले के सभी पर्चेजिंग अधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, सहायक गोदाम प्रबंधक और जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानदारों ने भाग लिया.
मौके पर उपायुक्त ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और राज्य खाद्य सुरक्षा योजना जरूरतमंद परिवारों के लिए जीवन रेखा है.
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी पदाधिकारी और दुकानदार मिलकर यह सुनिश्चित करें कि एक भी पात्र लाभुक राशन से वंचित न रहें. उन्होंने ई-पॉस मशीन, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, गोदाम प्रबंधन और स्टॉक सत्यापन पर विशेष जोर दिया गया.
इन बिंदुओं पर दिया गया प्रशिक्षण
कार्यशाला में जिन प्रमुख बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया गया उनमें राशन वितरण में पारदर्शिता, आधार-लिंक्ड बायोमेट्रिक सत्यापन की अनिवार्यता और फर्जी कार्ड निरस्तीकरण, गोदाम प्रबंधन, स्टॉक रजिस्टर का डिजिटलाइजेशन, फीफो (फर्स्टश इन फर्स्टं आउट) पद्धति का पालन और नियमित भौतिक सत्यापन करना सहित अन्य शामिल है.
विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी मोनी कुमारी ने तकनीकी सत्र में पीओएस मशीन के उपयोग, ऑनलाइन स्टॉक अपडेशन और डोर-स्टेप डिलीवरी की बारीकियों पर प्रकाश डाला. जिला आपूर्ति पदाधिकारी राम गोपाल पांडे ने पिछले छह माह में हुई प्रगति और कमियों का विश्लेषण प्रस्तुत किया एवं आगामी लक्ष्यों पर बल दिया.
कार्यशाला में उपायुक्त ने सभी प्रतिभागियों से संकल्प दिलाया कि खाद्य सुरक्षा केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का माध्यम है.
पारदर्शी और नियमित वितरण से ही मिलेगा जनविश्वास
उन्होंने पीडीएस दुकानदारों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि पारदर्शी और नियमित वितरण से ही जनविश्वास अर्जित किया जा सकता है.
उपयुक्त ने इस आयोजन के लिए विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी और जिला आपूर्ति पदाधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार यह चाहती है कि जो भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्र है, वहां कुपोषण न रहे एवं कोई भूखा न रहे.
उपायुक्त ने कहा कि हमेशा यह शिकायत आती है कि राशन डीलर कम अनाज देते हैं. यदि कोई राशन डीलर ऐसा करते हुए पाया जाता है तो उन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि यदि कोई व्यक्ति नशे की खेती (जैसे अफीम, गांजा) में संलिप्त है तो राशन डीलर तुरंत इसकी सूचना जिला प्रशासन को दें. प्रशासन ऐसे तत्वों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा.
उपायुक्त ने सभी राशन डीलरों से कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्षय रोग (टीबी) एक गंभीर समस्या बनी हुई है. यह बीमारी अक्सर पीड़ित व्यक्ति को अपनी स्थिति की जानकारी नहीं होने के कारण अनजाने में फैलती रहती है.
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
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