जम्मू, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । भाजपा प्रवक्ता जम्मू-कश्मीर यूटी गौरव गुप्ता ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का तियानजिन घोषणापत्र भारत और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। पहली बार दुनिया ने न केवल आतंकवादियों के खिलाफ बल्कि आतंकवाद को संगठित, वित्तपोषित और प्रायोजित करने वालों के खिलाफ भी एकजुट स्वर में आवाज उठाई है।
उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल 2025 का पहलगाम आतंकी हमला जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई एक बर्बर कृत्य था जिसने मानवता की अंतरात्मा को झकझोर दिया। गुप्ता ने कहा कि तियानजिन घोषणापत्र में एससीओ सदस्य देशों ने नरसंहार की कड़ी निंदा की, पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निर्णायक नेतृत्व में भारत के दीर्घकालिक रुख का एक ज़ोरदार समर्थन है।
उन्होंने कहा कि रूस, चीन और यहाँ तक कि पाकिस्तान सहित सभी एससीओ सदस्य देशों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाए गए तियानजिन घोषणापत्र में उस बर्बर हमले की कड़ी निंदा की गई है जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि घोषणापत्र औपचारिक बयानों से आगे बढ़कर इस बात पर ज़ोर देता है कि आतंकवाद के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। गुप्ता ने कहा कि यह भारत के दीर्घकालिक रुख का वैश्विक समर्थन है कि राज्य समर्थित आतंकवाद को दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जा सकता।
गुप्ता ने रेखांकित किया कि यह घोषणापत्र और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की उपस्थिति में अपनाया गया था। पाकिस्तान की आतंकवाद को पोषित करने और निर्यात करने की निरंतर नीति के बावजूद एक सामूहिक निकाय के रूप में एससीओ ने अब एक मजबूत और एकजुट संदेश दिया है कि राजनीतिक या स्वार्थी उद्देश्यों के लिए चरमपंथी समूहों का उपयोग अस्वीकार्य है।
उन्होंने याद दिलाया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी जी ने शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए पहलगाम नरसंहार को न केवल भारत पर हमला बल्कि मानवता के लिए एक सीधी चुनौती बताया था। मोदी जी ने ज़ोर देकर कहा कि भारत चार दशकों से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सबसे आगे रहा है और आतंकवाद के वित्तपोषण और चरमपंथी नेटवर्क का अटूट संकल्प के साथ विरोध करता रहा है। गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह स्पष्ट रुख कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंड अब स्वीकार नहीं किए जाएँगे अब एससीओ के संयुक्त घोषणापत्र में भी प्रतिध्वनित हुआ है।
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि भारत के रुख को अंतरराष्ट्रीय समर्थन ऐसे समय में मिला है जब देश ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी ढाँचे को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव जैसे साहसिक कदम उठाए हैं, साथ ही सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जो एक ऐतिहासिक निर्णय है जो भारत के शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को दर्शाता है। गुप्ता ने कहा कि भारत पिछले चालीस वर्षों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है, अनगिनत परिवार बिखर गए हैं और अनगिनत माताओं ने अपने बेटों को इस खतरे के कारण खो दिया है। एससीओ का एकजुटता का स्पष्ट बयान न केवल भारत के दर्द को दर्शाता है बल्कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने में भारत के साहस और नेतृत्व को भी दर्शाता है।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
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