शराब माफिया ने राजस्थान से गुजरात बॉर्डर तक फैलाया नेटवर्क, गुर्गें से बात करते आखिर चढ़ा हत्थे
जोधपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने शराब तस्करी के अन्तरराज्यीय माफिया के वांटेड अपराधी 30 हजार के इनामी को पकड़ा है। साइक्लोनर टीम ने सवा सौ अपराधियों को अब तक गिरफ्तार कर लिया है। शराब तस्कर माफिया काफी समय से वांटेड था। पुलिस ने गुजरात के भुज कच्छ बरसाना निवासी दीवानसिंह पुत्र हेतुभा जड़ेजा को पकड़ा है।
पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि आरोपित दीवान सिंह राजस्थान, पंजाब और हरियणा से अवैध शराब लाकर अपने गृह राज्य गुजरात में बेचता था, जहां शराब पूर्णतया प्रतिबन्धित है। आरोपित के खिलाफ राजस्थान के कई जिलों के पुलिस थानों में प्रकरण दर्ज हो चुके थे। उसके खिलाफ एक दर्जन प्रकरण दर्ज हो रखे है।
दीवान सिंह का नेटवर्क राजस्थान के साथ पंजाब और हरियाणा, चण्डीगढ़ तक था। आरोपित इन राज्यों से शराब कों ट्रकों में भरकर लाता और उन्हें गुजरात राज्य तक सप्लाई करता था। साथी की हत्या के बाद लगातार पुलिस मुकदमों में फंसता रहा। आरोपित का साथी लक्ष्मण देवासी था। आरोपित का साथी लक्ष्मण देवासी शराब तस्करी का सरगना था, जिसका अपना शराब तस्करी का बड़ा नेटवर्क था। शराब तस्करी के दौरान हुई गैंंगवार के चलते लक्ष्मण देवासी की सांचोर में मुख्य चौराहा पर दिन दहाड़े हत्या होने के बाद आरोपित दीवान सिंह को तस्करी के नेटवर्क में स्वयं की जान का खतरा होने की आशंका हुई।
दीवानसिंह ने तस्करी का नेटवर्क गुजरात बोर्डर के पास राजस्थान में शराब ठेके लेकर फै लाया। जहां वह शराब बेचता था। ठेके से राजस्थान निर्मित अंग्रेजी शराब को गुजरात तक पंहुचाने का कार्य करने लगा। यहां कम मुनाफा मिलता था ऐसे में गुजरात तक शराब बेचने लगा।
आरोपित दीवान सिंह ने अपने साथी की हत्या के बाद अपने शराब तस्करी के नेटवर्क को बढ़ाने को सम्भालते हुए छोटे तस्करों से सम्पर्क कर अवैध शराब को गुजरात तक पहुंचाने के लिए अच्छी रकम देना शुरू किया। उस पर इनाम घोषित होने पर वह राजस्थान की सीमा में नहीं आया और आना भी बंद कर दिया। अपने संपर्क को तोड़ दिया और गुर्गों के मार्फत बात करना शुरू किया। कांस्टेबल मांगीलाल को सूचना मिली कि वह शराब तस्करी के लिए अपने किसी गुर्गें से बात कर रहा है। तब उसके लिए जाल बिछाया गया। इसके लिए ऑपरेशन दिल्ली सफदरगंज चलाया गया। यह रेलवे स्टेशन दिल्ली में स्थित है, जिसका कोड नेम डीएसजे है। आरोपित दीवान सिंह जड़ेजा का भी कोड नेम डीएसजे होता है, इस प्रकार ऑपरेशन का नाम डीएसजे रखा गया।
(Udaipur Kiran) / सतीश
You may also like
दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: सास-ससुर को मिले नए अधिकार
थूक समझकर नजरअंदाज किया आपने जिसे, अमेरिका में उसकी डिमांड इतनी कि कीमत जानकर यकीन नहीं करेंगेˏ
Loan Default होने पर बैंक नहीं कर सकेंगे मनमानी, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसलाˏ
शादी के बाद भी आखिर क्यों भटकता है मर्दों का मन? पराई औरतों में दिलचस्पी की ये वजह जानकर रह जाएंगे हैरानˏ
बॉलीवुड की वो एक्ट्रेस जो भूतनी बनकर भी अपनी खूबसूरती से हुई फेमस लेकिन ममता के आशिक ने बर्बाद किया करियरˏ