गोरखपुर, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . जीओ गीता परिवार के तत्वावधान में योगी गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह में श्रीमद्भगवद्गीता परिचर्चा का आयोजन हुआ. उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज नें कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता की सार्वजनीन प्रेरणाओं एवं संदेशों को देश के जन-जन एवं घर-घर तक प्रचारित-प्रसारित करने के साथ-साथ समूची दुनिया में इसके प्रचार के उद्देश्य से सन्-२०१२ से जीओ गीता की स्थापना हुई है.
कहा कि जीवन की समस्याओं का समाधान गीता में समाहित है, आवश्यकता इस बात की है कि Indian ऋषि परम्पराओं को शाश्वत जागृत रखने की क्षमता वाले इस ग्रंथ को न केवल पढ़ा जाए बल्कि इसे जीवन का अंग बना लिया जाए. स्वामी देश के आज़ादी के आंदोलन में गांधी जी, तिलक जी, सरदार भगत सिंह ने गीता को माता मानकर विश्वास के साथ संघर्ष किया और वे अब अमर हो गए. उन्होंने सभागार में उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि वे गीता को अपनायें और स्वयम् के उत्थान और कल्याण के साथ लोक कल्याण के प्रति भी अपनी भूमिका निभाएँ . कार्यक्रम में सर्वप्रथम भगवान कृष्ण के चित्र के समक्ष स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, पूर्व महापौर सीताराम जायसवाल, चेयरमैन संतराज यादव, डॉ.लालमणि तिवारी, माधव जालान, अनिल जायसवाल, विकास जालान नें दीप प्रज्वलन कर गीता परिचर्चा का शुभारंभ किया. इस अवसर पर मणिनाथ मिश्रा,अनिल जायसवाल, विकास जालान, जवाहर गुप्ता, प्रीति जायसवाल, पूनम गुप्ता, संगीता अग्रवाल, शिवानी गुप्ता, डॉ प्रियंका वर्मा,रागिनी जायसवाल,ज्ञानती सिंह,यशवंत सिंह, आशीष रुंगटा, अखिलेंद्र शाही, विजय जालान सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे.
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
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