– कृषि में नवाचार पर जागृत किसान मिलन समारोह
भोपाल, 15 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में निमाड़ की धरती पर शुक्रवार को आयोजित ’’जागृत किसान मिलन समारोह’’ ने कृषि जगत में एक नया अध्याय जोड़ा है। इस कार्यक्रम में पहली बार इज़राइल के विदेश मंत्रालय, आर्थिक मंत्रालय और मुंबई स्थित वाणिज्य दूतावास के प्रतिनिधियों ने सीधे नाबार्ड समर्थित NimadFresh एपीओ के 600 से अधिक किसानों से बातचीत की। इसका उद्देश्य भारतीय किसानों को अत्याधुनिक कृषि तकनीकों और रेसिड्यू-फ्री फार्मिंग (रसायन-मुक्त खेती) से परिचित कराना था।
इज़राइल के अनुभवी स्पीकर शफ़रीर गॉडल ने वर्चुअल माध्यम से किसानों को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने खेती को अधिक टिकाऊ, लाभदायक और आधुनिक बनाने के लिए प्रेरित किया। गॉडल ने किसानों के सवालों का जवाब भी दिया, जिससे उन्हें नई पद्धतियों को अपनाने की स्पष्टता मिली।
स्थानीय विशेषज्ञों और सरकारी संस्थाओं का सहयोग
इस समारोह में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ के साथ जिले के कृषि विभाग और नाबार्ड जैसी संस्थाओं ने भी भागीदारी की। कृषि विभाग के डीडीए एसएस राजपूत और नाबार्ड के एजीएम विजेंद्र पाटिल ने अपने विचार साझा किए और किसानों का मार्गदर्शन किया। डीडीएम नाबार्ड ने इस सामूहिक प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिले में सभी एफपीओ का एक एसोसिएशन बनाने की ओर यह एक सार्थक पहल सिद्ध होगी। जिससे जिले के किसान कृषि आधुनिकीकरण की दिशा में तीव्र गति से कदम बढ़ाएंगे
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भी ज्ञान साझा किया, जिनमें ऑर्गेनिक इनपुट, नर्सरी प्रबंधन, उच्च गुणवत्ता वाले बीज, आधुनिक सिंचाई प्रणालियाँ और टिश्यू कल्चर शामिल थे। विशेषज्ञों ने किसानों को यह सिखाया कि कैसे मिट्टी और फसल दोनों की सेहत का ध्यान रखते हुए कम रसायनों का उपयोग कर अधिक गुणवत्ता और मुनाफा कमाया जा सकता है।
उत्पाद प्रदर्शनी और किसानों का सम्मान
यह भव्य आयोजन नाबार्ड समर्थित निमाड़फ्रेश कृषि विकास फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, गोगावां एफपीओ सहित अन्य एफपीओ और नर्सरियों के सामूहिक प्रयास से सफल हुआ। समारोह में मसालों से लेकर ड्रिप सिंचाई उपकरण और टिश्यू कल्चर से तैयार केले के पौधों तक, विभिन्न कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई।
इस मौके पर डीडीए राजपूत, जनसेवक संतोष पाटीदार (यूपीएल) और प्रगतिशील किसान महेश पाटीदार ने कुछ उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ाया। इस पहल ने निमाड़ से लेकर पूरे भारत के कृषि जगत तक यह सकारात्मक संदेश पहुंचाया कि भारतीय किसान भी विश्व स्तरीय खेती कर सकते हैं। आयोजकों ने देश के सभी एफपीओ तक इस मुहिम को पहुँचाने और भारत को रसायन-मुक्त बनाने का संकल्प लिया।
(Udaipur Kiran) तोमर
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