जोधपुर, 05 मई . शहर में 6 ठेकेदारों ने रेलवे कर्मचारियों की मिलीभगत से रेलवे को 2 साल में 64.42 लाख रुपए की चपत लगाई. छह ठेकेदारों और अज्ञात रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है. यह मामला रेलवे के पार्किंग और पे एंड यूज शौचालयों से जुड़ा है. जोधपुर मंडल में आय के मिलान के दौरान यह पाया गया है कि इन 6 व्यक्तियों और फर्मों ने रेलवे कर्मचारियों से मिलीभगत कर 8 जगहों पर वित्तीय गबन किया है. आईपीसी धारा 120-बी के साथ 409, 420, 465 और 471 तथा पीसी अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 13(2) के साथ 13(1)(ए) के तहत मामला दर्ज हुआ. वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक विकास खेड़ा ने शिकायत में बताया कि मई 2022 से मई 2024 के दौरान लोकेश चंद मीणा, मैसर्स संगम आर्ट, मैसर्स कृष्णा एंटरप्राइजेज, बबलू राम मीणा, अशफाक खान और प्रमोद मीणा के साथ टेंडर हुए थे.
शिकायत के मुताबिक, इन फर्मों द्वारा लाइसेंस शुल्क के रूप में रेलवे में जमा किए गए 39 लाख 43 हजार 725 रुपए के कुल 15 डिमांड ड्राफ्ट रद्द पाए गए. डीडी में राशि क्रेता के खाते में जमा कर दी गई. इन पार्टियों ने लाइसेंस शुल्क और अन्य शुल्क भी जमा नहीं किए. इसी के परिणामस्वरूप कुल 64.42 लाख रुपए का राजस्व नुकसान हुआ.
राइका बाग मामले में 19 ड्रॉफ्ट में हुआ था गबन
रेलवे में गबन का पहला मामला राईका बाग से जुड़ा सामने आया था. राईका बाग पैलेस जंक्शन स्टेशन में पार्किंग स्टैंड का ठेका अहमदाबाद की फर्म मेसर्स श्री आरोही एंटरप्राइजेज को दिया गया. टेंडर सितंबर 2022 में 3 साल के लिए 28.49 लाख रुपए में दिया गया था. जांच के दौरान पाया गया कि लाइसेंस धारक द्वारा लाइसेंस शुल्क रेलवे के खाते में जमा नहीं कराया गया. प्रारंभिक जांच में पता चला कि वाणिज्यिक विभाग की सामान्य शाखा में कार्यालय अधीक्षक मनीला चौहान ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर साल 2023 से मार्च, 2025 के दौरान 18 लाख 47 हजार 702 रुपए का गबन कर लिया. इस राशि के सभी 19 डिमांड ड्राफ्ट को भुनाकर धोखाधड़ी की.
सीबीआई की एक एफआईआर में रेलकर्मी भी नामजद
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी सीबीआई ने कुछ दिनों पहले ही एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें रेलवे की एक महिला अधिकारी मनीला चौहान के साथ अन्य को नामजद किया गया था. उस प्रकरण में जोधपुर मंडल के राइकाबाग रेलवे स्टेशन पर पार्किंग का ठेका सितंबर 2022 अहमदाबाद की फर्म मेसर्स श्री आरोही एंटरप्राइजेज को में 3 साल की अवधि के लिए 28.49 लाख रुपए में दिया गया था. उसमें भी लाइसेंस शुल्क जमा करने के लिए बनवाए गए डिमांड ड्राफ्ट भी ठेकेदार ने खुद ही भुना लिया.
कार्यालय द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ठेकेदार मेसर्स श्री आरोही एंटरप्राइजेज वाणिज्यिक विभाग की सामान्य शाखा में कार्यालय अधीक्षक पद पर कार्यरत मनीला चौहान के साथ साजिशन श्री आरोही एंटरप्राइजेज ने वर्ष 2023 से मार्च, 2025 के दौरान 18 लाख 47 हजार 702/- रुपये के कुल 19 डिमांड ड्राफ्ट खुद ही भुना लिए. इसके लिए रेलवे की अधिकारी चौहान ने डीडी को लेखा विभाग में जमा करने के बजाय ठेकेदार को वापस करके अपने ही विभाग के राजस्व में सेंध लगवाई. इस तरह, इस गिरोह ने रेलवे को 20.95 लाख से अधिक का नुकसान पहुंचाया.
इन ठेकेदारों पर गबन का आरोप :
लोकेश चंद्र मीणा – 7.07 लाख रुपए का गबन. कुल बकाया राशि 8.59 लाख रुपए.
संगम आर्ट ने पे एंड यूज – 1.40 लाख का गबन. कुल बकाया 5.08 लाख
संगम आर्ट ने पे एंड यूज- 6.83 लाख रुपए का घोटाला. कुल बकाया 10.28 लाख
कृष्णा एंटरप्राइजेज- 11.66 लाख की चपत. कुल बकाया 16.68 लाख
बबलूराम मीणा- 7.32 लाख का नुकसान. कुल बकाया 8.66 लाख
अशफाक खान- 11 हजार रुपए के डीडी का नुकसान. कुल बकाया 33 हजार 570 रुपए
प्रमोद मीणा- 4.94 लाख का नुकसान. कुल बकाया 14.57 लाख
प्रमोद मीणा- एक डीडी वापस हासिल कर 7 हजार रुपए का गबन किया. कुल बकाया 19 हजार
/ सतीश
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