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ओस्लो मेट्रोपॉलिटन विश्वविद्यालय के दल ने बीएचयू में भ्रमण किया, कुलपति से की मुलाकात

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—संयुक्त शोध परियोजनाएं तथा सांस्कृतिक–शैक्षणिक पहल पर चर्चा

वाराणसी, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . नॉर्वे के ओस्लो मेट्रोपॉलिटन विश्वविद्यालय (ओस्लोमेट) का एक प्रतिनिधिमंडल दस दिवसीय वाराणसी दौरे पर है. दल में शामिल सदस्य और विद्यार्थी काशी में भ्रमण के साथ यहां की आध्यात्मिक संस्कृति को समझने के साथ सांस्कृतिक–शैक्षणिक पहल को लेकर भी गंभीर है. प्रतिनिधिमंडल ने वाराणसी दौरे के पहले दिन गुरूवार शाम काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी से विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय में भेंट की. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच विद्यार्थी एवं शिक्षक आदान–प्रदान कार्यक्रम, संयुक्त शोध परियोजनाएं और सांस्कृतिक–शैक्षणिक पहल जैसे विषयों पर विमर्श हुआ.

कुलपति ने कहा कि बीएचयू प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी के माध्यम से अपनी वैश्विक उपस्थिति को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान कर विद्यार्थियों को अकादमिक और पेशेवर उत्कृष्टता के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया. कुलपति प्रोफेसर चतुर्वेदी ने ओस्लोमेट के आगंतुक विद्यार्थियों से भी संवाद किया. उन्होंने कहा कि भारत अपनी विविधता में एकता के लिए प्रसिद्ध है और बीएचयू इस भावना का सजीव उदाहरण है. इस दौरान प्रोफेसर नुट ऑकलैंड ने बताया कि ओस्लोमेट और बीएचयू के बीच पिछले दो दशकों से अधिक समय से शैक्षणिक संबंध कायम हैं. उन्होंने बीएचयू के साथ औपचारिक सहयोग स्थापित करने में विश्वविद्यालय की गहरी रुचि व्यक्त की और कहा कि ओस्लोमेट बीएचयू के विद्यार्थियों को फीस में छूट देने पर भी विचार करेगा.

बीएचयू के कला इतिहास विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर ज्योति रोहिल्ला राणा ने कहा कि ओस्लोमेट का ‘आर्ट एंड टेक्नोलॉजी’ संकाय उनके विभाग के साथ सहयोग की बड़ी संभावनाएं खोलता है. वहीं विश्वविद्यालय का शिक्षा संकाय भी दोनों संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए नए सीखने के अवसर प्रदान कर सकता है. इस दौरे के समन्वय में बीएचयू पर्यटन प्रबंधन विभाग के डॉ. प्रवीन राणा ने अहम भूमिका निभाई. उन्होंने बताया कि पिछले 25 वर्षों में ओस्लोमेट के 16 प्रतिनिधिमंडल बीएचयू का दौरा कर चुके हैं, अब समय आ गया है कि इस दीर्घकालिक साझेदारी को औपचारिक रूप देकर और मजबूत किया जाए. इससे पहले कला इतिहास और पर्यटन प्रबंधन विभागों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित “इंडिया–नॉर्वे कलर इंटरफेस 2025” कार्यक्रम में दोनों विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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