अंबिकापुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में पहली बार घोड़ों में बेहद खतरनाक संक्रामक बीमारी गैल्डर्स की पुष्टि हुई है। यहां शादी-विवाह में इस्तेमाल किए जाने वाले दो घोड़े में गैल्डर्स के लक्षण मिले थे। जिसके बाद इसकी पुष्टि के लिए राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार को ब्लड सैंपल भेजा गया था। पांचवीं बार बल्ड सैंपल भेजे गए दोनों घोड़ों के सैंपल पॉजिटिव आए।
गैल्डर्स एक संक्रामक बीमारी है जो घोड़े, गधों और खच्चरों में पाई जाती है और विशेष परिस्थिति में यह मनुष्यों में भी फैल सकता है। इसलिए इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य की दृष्टि से भी गंभीर माना जाता है। इस वक्त सरगुजा जिले में कुल 28 घोड़े पंजीकृत है। जिला प्रशासन ने सभी घोड़ा मालिकों को सतर्क रहने और आवश्यक जांच कराने की सलाह दी है। संक्रमित घोड़े के मालिकों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
वहीं, गैल्डर्स की पुष्टि होने पर अंबिकापुर नगर निगम ने अगले तीन महीने तक क्षेत्र में अश्व प्रजाति के पशुओं के आवागमन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया है। राज्य सरकार ने इसके लिए आदेश भी जारी किए है।
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब दोनों घोड़ों को प्रोटोकॉल के तहत निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार जहर देकर मारा जाएगा। इसके लिए कलेक्टर से अनुमति लेकर दोनों घोड़ों को मारने की तैयारी है। प्रोटोकॉल के तहत दोनों घोड़ों को पहले एनेस्थीसिया दिया जाएगा, फिर उन्हें जहर देकर मारा जाएगा और फिर दफन किया जाएगा।
जिले के वरिष्ठ पशु चिकित्सक सीके मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि, यह बीमारी बर्कहोल्डरिया मैलेई नामक बैक्टीरिया से होती है। यह मनुष्यों सहित अन्य जानवरों में भी फैल सकती है। इससे इसकी गंभीरता और बढ़ जाती है। यह जूनोटिक बीमारी है, जिसका मतलब है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकती है। ——————————-
(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
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