यमुना का जलस्तर खतरे के निशान काे पार जाने के चलते पुल की हालत हाेती जा रही खराब
बांदा, 5 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में बांदा और फतेहपुर को जोड़ने वाला दांदौ-किशनपुर के बीच बना यमुना नदी का पुल एक बार फिर क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल के जॉइंटों में गंभीर दरारें आने के बाद प्रशासन ने आवागमन पर रोक लगा दी है। लगातार बारिश और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने के चलते पुल की हालत खराब और खतरनाक हो गई है, जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में प्रारंभ हुआ था और इसकी कुल लागत करीब 92 करोड़ रुपये आई थी। लगभग 1033 मीटर लंबाई वाले इस पुल में 32 पिलर बनाए गए हैं। निर्धारित समयसीमा वर्ष 2021 थी, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते इसका निर्माण 2023 में पूरा हो सका।
लोकार्पण के कुछ ही समय बाद पुल पहली बार क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया। इसके बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने मरम्मत कराकर यातायात बहाल किया, लेकिन तीन महीने के भीतर फिर पुल का एक हिस्सा टूटकर गिर गया।
दबाव बढ़ने पर मोरम खदानों से जुड़े ठेकेदारों ने किसी तरह वैकल्पिक व्यवस्था कर पुल की मरम्मत कराई और मोरम लदे भारी वाहनों का आवागमन जारी रखा। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों ने न तो स्थायी समाधान की दिशा में कोई कदम उठाया, न ही पुल की नियमित मरम्मत कराई गई।
लगातार हो रही बारिश के कारण बीती दिनाें दाे अगस्त को पुल का एक पिलर फिर धंस गया और पुल की छत में मोटी दरारें आ गईं। इसके चलते प्रशासन को एक बार फिर यातायात पर रोक लगानी पड़ी।
यमुना नदी पर बने इस पुल के क्षतिग्रस्त हाेने की सूचना मिलते ही अधिशासी अभियंता अनिल कुमार, एई सत्यम कनौजिया, प्रतीक अग्रवाल और जूनियर इंजीनियर मोहित अग्रवाल की टीम मंगलवार काे मौके पर पहुंची। टीम ने पुल पर रेडियम की पट्टियां लगाकर वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने के निर्देश दिए।
अधिशासी अभियंता अनिल कुमार ने आश्वासन दिया कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद पुल की मरम्मत कराकर यातायात पुनः बहाल किया जाएगा।
निर्माण कार्य पर उठ रहे सवाल
दांदौ-किशनपुर के बीच बने यमुना नदी का पुल अपने निर्माण के बाद से ही बार-बार क्षतिग्रस्त हाेने से सुर्खियाें में है। वहीं लगातार हो रही पुल पर
घटनाओं से स्थानीय लोगों में रोष है। आमजन निर्माण कार्य की गुणवत्ता और विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। दो वर्षों में यह पांच बार है
जब पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। बारिश के दिनाें में पुल पर आवाजाही राेकने से स्थानीय लाेगाें के साथ यहां से गुजरने वाले वाहनाें स्वामियाें में नाराजगी
है। यह विभागीय लापरवाही और निर्माण की खामी को भी उजागर करता है।
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(Udaipur Kiran) / अनिल सिंह
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