शिमला, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई उपमंडलों में आज एहतियातन सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। चंबा जिले में बारिश के कहर से दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि जगह-जगह भूस्खलन से सड़कें बंद हो गई हैं। अगले 72 घंटों के लिए मौसम विज्ञान विभाग ने कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
प्रदेश के मंडी, कांगड़ा, चंबा, शिमला, सिरमौर, सोलन, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कुल्लू जिलों में लगातार भारी बारिश हो रही है। मंडी जिला के थुनाग, शिमला जिला के रोहड़ू, जुब्बल, कुमारसैन, चौपाल और सुन्नी के जलोग उपतहसील समेत कई उपमंडलों में स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र आज बंद रखे गए हैं। ठियोग में भी संपर्क सड़कें बंद होने के कारण एसडीएम ने एक दिन की छुट्टी का ऐलान किया है।
भारी बारिश के चलते चंबा जिले की कि ग्राम पंचायत चड़ी के सूताह गांव में एक मकान पर भारी पत्थर गिरने से एक पुरूष व महिला की मौत हो गई। वहीं मंडी–कुल्लू नेशनल हाइवे पर 4 माइल और 9 माइल के बीच फिसलन और गिरते पत्थरों से सिर्फ एकतरफा यातायात चल रहा है। पंडोह-औट मार्ग भी बंद है, जबकि सिरमौर जिला में एनएच-707 शिलाई–लालढांग और औट–लुहरी नेशनल हाइवे 305 पर भी भूस्खलन के चलते यातायात बाधित है। शिमला जिला के ऊपरी इलाकों में भी कई सड़कें भूस्खलन से अवरुद्ध हैं।
भारी बारिश के कारण कई डैमों से भी पानी छोड़ा जा रहा है। कोलडैम से आज सुबह 10 बजे पानी छोड़ा गया, जिससे नदी का जलस्तर 4-5 मीटर बढ़ सकता है। लारजी डैम से भी पानी छोड़ा गया है और एनजेएचपीएस नाथपा बांध से भी सतलुज नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है। लोगों और पर्यटकों को नदी-नालों से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी गई है।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले तीन दिन और मुश्किल भरे रह सकते हैं। आज ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन, मंडी और सिरमौर में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। 22 जुलाई को सोलन और सिरमौर में फिर ऑरेंज अलर्ट और अन्य जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 23 जुलाई को ऊना और बिलासपुर में फिर ऑरेंज अलर्ट रहेगा।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, अब तक प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 119 लोगों की मौत हो चुकी है और 34 लोग लापता हैं। जबकि 215 लोग घायल और 34 लोग अभी भी लापता हैं। मंडी में सबसे ज्यादा 21 मौतें और 27 लोग लापता हैं। इसके अलावा कांगड़ा में 19, कुल्लू में 15, चंबा में 10, ऊना, सोलन और हमीरपुर में 9-9, शिमला और बिलासपुर में 8-8 लोगों की जान जा चुकी है।
भारी बारिश और भूस्खलन से 377 घर, 264 दुकानें और 945 गौशालाएं पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, जबकि 733 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा तबाही हुई है, जहां 350 घर, 241 दुकानें और 767 गौशालाएं पूरी तरह तबाह हो गई हैं। इसके अलावा अब तक 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1288 पालतू पशु भी मारे जा चुके हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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