हरदा, 26 जून (Udaipur Kiran) । पुस्तक वितरण में जिला प्रदेश में सातवें नंबर पर है। प्रदेश में 54 जिलों में पाठ पुस्तक वितरण होने के बाद सबसे अंत में पाठ पुस्तक मिली और उसका समय सीमा में वितरण सुनिश्चित किया गया। 91 फीसदी पुस्तकों का वितरण कर जिला सातवें स्थान पर है। यह जानकारी जिला परियोजना समन्वयक हरदा बलवंत पटेल ने दी। पहले सितंबर अक्टूबर तक पुस्तकों का वितरण होता था चालू शिक्षा सत्र में मार्च माह से पुस्तकें आने लगी मार्च, अप्रेल, जून तक पुस्तकों का वितरण किया गया। समय में पूर्व का पुस्तकों के वितरण से पढ़ाई समय से शुरू हो गई है और कोर्स समय सीमा में पूर्ण होने के साथ-साथ पुनरावृति के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
समय से पूर्व मिली सायकलें-
चालू शिक्षा सत्र में सायकल वितरण प्रक्रिया शुरू है। कक्षा 6वीं के 1100 और 9 वीं के 2000 सायकलों का लक्ष्य रखकर उन्हें कसवाया जा रहा है। पात्र विद्यार्थियों को सायकल शीघ्र मिलेगी। एजुकेशन पोर्टल उसे मैपिंग का कार्य चल रहा है। मैपिंग के बाद पात्र विद्यार्थियों को चिन्हित करके सायकल वितरित की जायेगी।
स्टाफ की भारी कमी –
जिले में शिक्षकों के कुल 3304 पद स्वीकृत है जिसमें से करीब 1900 पदस्थ है। शेष 1400 पद रिक्त हैं। जिसमें से बड़ी मुश्किल से हजार के करीब अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हो पाती है। रातामाटी जैसे दूरस्थ वनांचल के लिए तो अतिथि शिक्षक ही नहीं मिल पाते हैं। अटैचमेंट करके येन-केन प्रकारेण स्कूलों का संचालन किया जाता है।
40 शालाएं शिक्षक विहीन –
जिले में करीब 40 शालाएं शिक्षक विहीन है।
वर्तमान में जिले से 112 शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ और मात्र करीब 35 आये। 75 फीसदी गये और 25 फीसदी आये इससे स्कूलों में स्टाफ की काफी कमी है। अतिथि शिक्षक की भर्ती जुलाई में होना है गत वर्ष करीब 900 अतिथि शिक्षक रहे। दूरस्थ वनांचल में तो अतिथि शिक्षक भी नहीं मिल पाते हैं। अटैचमेंट से ही स्कूलों का संचालन होता है।
जर्जर भवनों में कक्षाएं नहीं संचालित करने के निर्देश –
जर्जर भवनों में कक्षाओं के नहीं संचालित करने के निर्देश हैं। जर्जर भवनों में ड़िसमेंटल करने की प्रक्रिया जटिल हैं। पी.डब्लू.डी.,राजस्व विभाग से अनुमति लेकर उन्हें गिराने की प्रक्रिया जाती है। जर्जर भवनों को गिराने की अनुमति बड़ी मुश्किल से मिलती है। नीलामी आदि की प्रक्रिया में काफी समय लगता है। कागजी कार्यवाही आदि में प्रक्रिया चलती रहती है।
गणवेश वितरण प्रक्रिया जारी –
300 रुपये प्रति जोड़ी की दर से दो जोड़ी गणवेश के लिए 600 रुपये खाते में डालने की कार्यवाही चल रही है। मैपिंग का कार्य पूर्ण होने पर प्रति छात्र 600 रुपये की दर से राशि खाते में डाली जायेगी। चालू सत्र में सारे समय से पूर्व किये जा रहे हैं। जिसका असर पठन-पाठन पर सकारात्मक पडेगा।
शिक्षास्तर में आयेगा गुणात्मक सुधार –
सायकल, गणवेश, पुस्तक वितरण, मैपिंग कार्य समय सीमा में होने से शिक्षा स्तर में गुणात्मक सुधार आयेगा और अध्यापन कार्य सुचारू रूप से होगा। परीक्षा के पूर्व पुनरावृत्ति का भरपूर अवसर मिलेगा इससे परीक्षा फल में आशातीत सुधार के साथ-साथ विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर में अपेक्षित वृद्धि होगी। पहली बार ऐसा हुआ है। पहले सत्र के अंत तक सायकल, गणवेश और पुस्तकों के वितरण का क्या होता, इस बार सारा कार्य समय सीमा में पूर्ण हुआ है। इसका असर दिखेगा और विद्यार्थियों में अपेक्षित सुधार आयेगा सायकल समय से मिल जाने के कारण विद्यार्थियों में उत्साह होगा और सायकल से विद्यार्थी स्कूल आयेंगे और उनमें स्कूल आने को लेकर काफी उत्साह होगा। सायकल वितरण का पहला चरण शीघ्र शुरू होने वाला है। पात्र विद्यार्थियों की पहचान करके उनके वितरण की कार्यवाही की जायेगी।
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(Udaipur Kiran) / Pramod Somani
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