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आपातकाल इतिहास की एक घटना मात्र नहीं, बल्कि कांग्रेस की मानसिकता का प्रमाण भी है : दयालदास बघेल

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धमतरी, 24 जून (Udaipur Kiran) । आज कांग्रेस में चेहरे बदल गए है लेकिन तानाशाही की प्रवृति और सत्ता का लोभ जस का तस है। 50 वर्ष बाद आज आपातकाल को याद करना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह इतिहास की एक घटना मात्र नहीं बल्कि कांग्रेस की मानसिकता का प्रमाण भी है। यह बातें खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल दास बघेल ने कही।

मंगलवार को जिला भाजपा कार्यालय धमतरी में आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रेस वार्ता आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल उपस्थित थे। इन्होंने आरोप लगाया कि 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आतंरिक अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोप दिया। यह निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं, बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था। आज 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है। आज सिर्फ तरीकों का बदलाव हुआ है, नीयत आज भी वैसी ही तानाशाही वाली है।

कैबिनेट मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि इंदिरा गांधी ने आतंरिक अशांति की आड़ लेकर संविधान के अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को रौंदा गया। संसद और न्यायपालिका को अपंग बना दिया गया। जिस संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थी, उसी संविधान की आत्मा को कुचलते हुए उन्होंने लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया। और चुनाव में दोषी ठहराए जाने के बाद नैतिकता से इस्तीफा देने के बजाय पूरी व्यवस्था को ही कठपुतली बनाकर रखने का षड्यंत्र रच दिया। इंदिरा गांधी ने मीसा जैसे काले कानूनों के जरिए एक लाख से अधिक नागरिकों को बिना किसी मुकदमे के जेलों में ठूंस दिया। जिसमें जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह सहित वरिष्ठ विपक्षी नेता, पत्रकार तो शामिल थे ही, कांग्रेस सरकार ने छात्रों तक को जेल में सड़ने मजबूर कर दिया था।

कैबिनेट मंत्री दयालदास ने कहा कि आपातकाल गांधी परिवार की उस सोच का परिचायक था, जिसमें स्पष्ट हो गया था कि उनके लिए पार्टी और सत्ता परिवार के लिए होती है। देश और संविधान के लिए नहीं। आजादी के बाद देश में पहली बार ऐसा हुआ था कि सरकार ने राष्ट्र को शत्रु नहीं, बल्कि अपनी जनता को ही बंदी बना लिया था। आपातकाल के दौरान एक परिवार को संविधान से ऊपर रखने वाली कांग्रेस आज भी राहुल – प्रियंका के इर्द गिर्द सिमटी हुई है। कांग्रेस सरकार ने आरएसएस, जनसंघ, एबीवीपी और कई अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था। जो संविधान बाबा आंबेडकर ने जनता को अधिकार देने के लिए बनाया था, कांग्रेस ने उसी को हथियार बनाकर जनता के अधिकार छिन लिए। सोशल मीडिया पर भाजपा सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाना और देश की छवि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खराब करना कांग्रेस की नई डिजिटल इमरजेंसी रणनीति बन चुकी है। जब देश हर मोर्चे पर प्रगति कर है, तब कांग्रेस सरकार की हर उपलब्धि को झुठलाने में लगी है।

इस प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं महापौर रामू रोहरा, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रकाश बैस, पूर्व विधायक रंजना साहू, इंदर चोपड़ा, शशि पवार, कविंद्र जैन, चेतन हिंदूजा, महेंद्र पंडित, अविनाश दुबे सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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