Next Story
Newszop

तालाब में स्पान डालने के 15 दिन बाद ही रासायनिक उर्वरक का करें प्रयोग : डॉ. शशिकांत

Send Push

image

कानपुर, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । जुलाई माह में तालाब में स्पान डालने के 15 दिन बाद ही रासायनिक उर्वरक का प्रयोग करें तथा मछली पालक अपने तालाब में फिंगरलिंग छह हज़ार से आठ हज़ार या ईयरलिंक दो हज़ार से चार हज़ार प्रति एकड़ की दर से डालें। यह बातें शुक्रवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर के वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने जुलाई माह में मत्स्य पालकों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कही।

वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने बताया कि ब्रूडर तालाब में पूरक आहार का प्रयोग मछली के कुल शरीर भार का दो से तीन प्रतिशत की दर से ही करें तथा मछली बीज उत्पादक अपनी हैचरी से रोहू ,कतला, मृगल, ग्रास कार्प , कमान कार्प और सिल्वर कार्प से स्पॉन के उत्पादन के लिए प्रबंध करें।

उन्होंने बताया कि तालाब में चूने का प्रयोग 15 दिन के अंतराल पर पीएच मान के अनुसार 10 से 15 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करते रहे। उन्होंने बताया कि जुलाई के महीने में एक बार जैविक उर्वरक के रूप में गोबर 400 किलोग्राम, सरसों की खली 100 किलोग्राम, एसएसपी 15 से 20 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें साथ ही रासायनिक एवं जैविक उर्वरक के बीच 15 दिन का अंतराल रखें ।

डॉ शशिकांत ने बताया कि वर्षा होने और आर्द्रता ज्यादा होने के कारण तालाब के पानी में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो जाने की संभावना रहती है, इस तरह की संभावना होने पर ऐड ऑक्सी नाम की दवा 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए । वैज्ञानिक ने मत्स्य पालकों को सलाह दी है कि तापमान अधिक होने पर पूरक आहार की मात्रा आधा कर दें। तथा मछली पालक सुबह शाम दो घंटा और एयररेटर का प्रयोग करें।

उन्होंने कहा कि ब्रूडर तालाब ,ग्रोवर तालाब और नर्सरी तालाब में जलीय जीव किट अधिक होने पर जैविक और रासायनिक उर्वरक के प्रयोग के दो दिन पहले बूटॉक्स या टैनिक्स या टिक आउट या कलियर में से कोई एक दवा 10 से 12 बजे के बीच अच्छा मौसम होने पर 80 से 100 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। छिड़काव के दिन पूरक आहार का प्रयोग बंद कर दें। तथा तालाब को संक्रमण मुक्त रखने के लिए प्रति महीने 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से पोटेशियम परमैंगनेट का घोल बनाकर छिड़काव करें।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद

Loving Newspoint? Download the app now