रांची, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । सामाजिक कार्यकर्ता (बोरियो निवासी) सूर्या हांसदा की कथित फर्जी एनकाउंटर में हुई मौत के खिलाफ आदिवासी संगठनों ने 23 अगस्त को राजभवन तक आक्रोश मार्च निकालने का फैसला किया है।
करमटोली धूमकुडिया में मंगलवार को आयोजित आदिवासी सामाजिक संगठनों की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्य पहान जगलाल पहान ने की।
बैठक में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार लगातार समाज की आवाज दबाने का काम कर रही है। रूपा तिर्की, उमेश कछप, संध्या टोपनो, सुभाष मुंडा, अनिल टाइगर और अब सूर्या हांसदा की हत्या को इसी कड़ी का हिस्सा बताया गया। वक्ताओं ने कहा कि सूर्या हांसदा एक सामाजिक और राजनीतिक व्यक्ति थे, जो चार बार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे और लगातार राज्य सरकार के गैरकानूनी कार्यों के खिलाफ आवाज उठाते रहे। उनके इसी प्रतिरोधी रुख के कारण सरकार ने उन्हें कुख्यात अपराधी घोषित कर फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर दी।
संगठनों ने कहा कि यह केवल सूर्या हांसदा की नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की, एक सामाजिक कार्यकर्ता की और एक राजनीतिक शख्सियत की हत्या है। अबुआ राज्य में हर उस व्यक्ति की हत्या कर दी गई है, जिसने गलत के खिलाफ आवाज उठाई। इसी के खिलाफ न्याय की मांग को लेकर सभी संगठन 23 अगस्त को राजभवन मार्च करेंगे।
बैठक में जगलाल पहान, बबलू मुंडा, महादेव टोप्पो, संदीप उरांव, आरती कुजूर, पिंकी खोया, सोमा उरांव, अनीता गाड़ी, रवि मुंडा, नमित हेमरोम, सनी टोप्पो, सोनी हेंब्रम, रितेश उरांव, कमलेश राम, मुन्ना टोप्पो, रोशन मुंडा सहित कई लोग मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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