Next Story
Newszop

आईओसीएल प्लांट पर मजदूरी विवाद को लेकर विरोध प्रदर्शन, भाजपा ने लगाया 'टीएमसी सिंडिकेट राज' का आरोप

Send Push

कोलकाता, 02 जुलाई (Udaipur Kiran) । दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के बॉटलिंग प्लांट में मजदूरी विवाद को लेकर मंगलवार रात को विरोध प्रदर्शन हुआ, जिससे एलपीजी सिलेंडर भरने का कार्य कुछ समय के लिए बाधित हो गया। यह विवाद परिवहन कंपनियों और उनके चालकों के बीच मजदूरी को लेकर था, लेकिन इसकी गूंज राज्य की राजनीति तक पहुंच गई।

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर दो वीडियो साझा किए, जिनमें प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर सिलेंडरों से गैस छोड़ते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, इन वीडियो की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है।

शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा गैस छोड़े जाने से पूरे प्लांट, पास के बजबज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीबीआईटी), जगन्नाथ गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल और आसपास के इलाकों में बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने कहा कि एक चिंगारी से भयावह आग लग सकती थी, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता था। यह तृणमूल के बेलगाम सिंडिकेट राज का नतीजा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल के अंदरूनी गुट आपस में लोडिंग और अनलोडिंग कार्यों पर कब्जे के लिए लड़ रहे हैं, जिससे कामगारों की स्थिति असहनीय हो गई है।

——-

तृणमूल ने किया पलटवार, बताया औद्योगिक विवाद

तृणमूल प्रवक्ता देबांशु भट्टाचार्य ने अधिकारी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह एक औद्योगिक विवाद था और पुलिस ने तत्काल आवश्यक कार्रवाई की। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि शुभेंदु अधिकारी को अपने अतीत में झांकना चाहिए। वह खुद भी सिंडिकेट चलाते थे और अब भी वही कर रहे हैं।

——-

आईओसीएल ने बताया –कंपनी से नहीं जुड़ा विवाद

आईओसीएल के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह पूरा विवाद ट्रांसपोर्टरों और उनके चालकों के बीच मजदूरी को लेकर था और कंपनी से इसका सीधा संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि शनिवार से ही डिस्पैच और उत्पादन प्रभावित था, लेकिन हमने वैकल्पिक सुविधाओं से सिलेंडर मंगवाकर आपूर्ति सुनिश्चित की। अब प्लांट में फिर से उत्पादन शुरू हो गया है।

बजबज बॉटलिंग प्लांट रोजाना लगभग 45 हजार से 50 हजार सिलेंडर भरता है, जो कोलकाता की एलपीजी जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा करता है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

Loving Newspoint? Download the app now