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युवा जीवन के मूल्य को समझे, नशा से रहे दूर : डॉ रत्ना पांडेय

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रामगढ़, 26 जून (Udaipur Kiran) । रामगढ़ महाविद्यालय रामगढ़ में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नशीले दवाओं का दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस मनाया गया। गुरुवार को छात्र छात्राओं के लिए एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।

विनोबा भावे विश्विद्यालयकी ओर से नशा मुक्ति अभियान के लिए रामगढ़ महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मालिनी डीन को नोडल पदाधिकारी मनोनित किया गया है। डॉ मालिनी डीन ने जागरूक करने के लिए पॉवर प्वाइंट परजेंटेशन द्वारा बताया कि अक्सर मानसिक तनाव और दबाव के कारण लोग नशा करने लगते हैं।

ये मानसिक तनाव और दबाव विभिन्न कारणों से होता है। जैसे अध्ययन करने का दबाव या अध्ययन में सफलता न मिलने का दबाव, माता पिता के बीच झगड़ों के कारण तनाव, घर की आर्थिक स्थिति खराब होने पर तनाव, व्यवसाय में घाटे का तनाव, बाजार की प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाने का तनाव आदि। लेकिन युवा इन सभी तनाव और दबाव से बचे रहने के बाद भी गलत संगत के कारण बर्बाद होते हैं अतः ऐसी संगति से बचने बचाने की जरूरत है। उन्होंने लघु फिल्म के द्वारा भी नशा के कारण दुष्परिणाम और बचाव पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रचार्या डॉ रत्ना पांडेय ने कहा कि जीवन के मूल्य को हम समझते ही नहीं अगर हम इसे समझें और खुद से मुहब्बत करें तो हम कभी नहीं भटक सकते हैं। नशा की गंभीर परिणाम भुगतने से बचने के लिए प्रांभिक अवस्था में प्रवेश करने से बचना होगा, क्योंकि यही धीरे धीरे लत में परिवर्तन हो जाता है। विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रो इंचार्ज डॉ आरवीपी देव ने कहा कि नशा करने वाला व्यक्ति न केवल स्वयं प्रभावित होता है बल्कि उसका परिवार और समाज भी प्रभावित होता है।

इसलिए हमारी अर्थात शिक्षकों और विद्यार्थियों की जिम्मेदारी बनती है कि नशा के खिलाफ जागरूकता गांव मुहल्लों तक फैलाएं। जंतु शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आर के उपाध्याय ने कहा कि प्रकृति ने सामान्य जीवन और खान पान रखने को कहा है उस से अलग रास्ता अपनाएंगे तो जीवन में निश्चित तौर पर तकलीफ होगी। कार्यक्रम के अंत में नशा मुक्त भारत बनाने के लिए शपथ लिया गया। कार्यशाला का संचालन वाणिज्य विभाग के व्याख्याता प्रो मोहित जैन ने किया और धन्यवाद ज्ञापन उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शाहनवाज खान ने किया।

कार्यशाला में मुख्य रूप से डॉ बलवंती मिंज, प्रो साजिद हुसैन, बिरेंद्र उरांव, इंद्रमणि सिंह, आनंद शारदेय, भुवनेश्वर राम, चंदन कुमार, मनोज कुमार, पंचम महतो, उस्मानुद्दीन, दीपाश्री के साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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