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गीता पाठ्यक्रम के लिए देवभूमि सर्वश्रेष्ठ राज्य, तुष्टिकरण करने वालों को ही दिक्कत: महेंद्र भट्ट

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देहरादून, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भटृ ने स्कूलों में गीता ज्ञान देने की पहल को देवभूमि स्वरूप के अनुरूप बताते हुए स्वागत किया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं की दुविधा पर चुटकी लेते हुए कहा कि जिन्हें तुष्टिकरण के वोट लेने हों उनको तो संविधान पर राम दरबार के चित्र पर भी आपत्ति होती रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भटृ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भाजपा और प्रदेश की जनता एकमत है कि गीता आधारित स्कूली पाठ्यक्रम के लिए देवभूमि से बेहतर कोई राज्य नही हो सकता। इसी उद्देश्य के साथ प्रदेश सरकार ने भावी पीढ़ी को संस्कारवान और ज्ञानवान बनाने के लिए इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया था। लिहाजा जब तक इसका पाठ्यक्रम पूरी तरह से तैयार नहीं होता तब तक स्कूलों की प्रार्थना में गीता के श्लोकों और प्रसंगों का उच्चारण करना सर्वथा उचित है और भारतीय जनता पार्टी इसका पुरजोर समर्थन करती है। पहले भी अनेकों मर्तबा गीता को कर्म आधारित ज्ञान दर्शन का सर्वश्रेष्ठ संयोजन माना गया है। जिसका दैनिक जीवन में पढ़ाया जाना हमारे नौनिहालों और देश के भविष्य बहुत लाभकारी साबित होगा।

उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेताओं के विरोधाभासी बयानों को उनका असली सनातन विरोधी चेहरा बताया है। कांग्रेस छद्म धर्मनिरपेक्ष नीति का अनुसरण करने वाली पार्टी है जो अब सुविधावादी सनातनी नेताओं से भरी हुई है। राज्य में भी इनके नेताओं के हालात इससे अलग नहीं हैं,तभी मैदानी क्षेत्रों में अल्पसंख्यक वोटों की खातिर इनके कुछ नेता गीता के स्कूली ज्ञान का खुला विरोध करते हैं,पूर्व सीएम हरीश रावत की तरह कुछ कांग्रेसी नेता तारीफ करते-करते, सवाल खड़े करने लगते हैं। वहीं पहाड़ पर राजनीति करने वाले इनके प्रदेश अध्यक्ष गीता पाठ्यक्रम का स्वागत करते हैं। तुष्टिकरण वोटों की राजनीति करने वाली कांग्रेस इस मुद्दे कर कन्फ्यूज्ड हो सकती है, लेकिन भाजपा और प्रदेश की जनता एकमत है।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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