राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने वामपंथी उग्रवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के एक गहरे षड्यंत्र का पर्दाफाश करते हुए संगठन की उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो को फिर से सक्रिय करने की साजिश में शामिल एक और प्रमुख आरोपी विशाल सिंह को गिरफ्तार किया है। विशाल सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा का निवासी है और हाल ही में वह दिल्ली के पश्चिमी इलाके में रह रहा था।
एनआईए अधिकारियों ने रविवार को उसके दिल्ली स्थित आवास पर छापा मारकर तलाशी ली। इस दौरान एजेंसी को कई महत्वपूर्ण डिजिटल उपकरण हाथ लगे, जिनमें हार्ड ड्राइव, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन और अन्य संवेदनशील व आपत्तिजनक सामग्री शामिल है। एनआईए ने जब्त किए गए सामान को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि विशाल सिंह किन लोगों के संपर्क में था और संगठन को पुनः मजबूत करने की साजिश में उसकी भूमिका कितनी गहरी थी।
माओवादी नेटवर्क को दोबारा सक्रिय करने की साजिशएनआईए के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी देश के विभिन्न हिस्सों में फैले माओवादी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था और उसका मुख्य उद्देश्य सीपीआई (माओवादी) की उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो को दोबारा सक्रिय करना था। यह संगठन देश में उग्रवाद फैलाने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को चुनौती देने के लिए कुख्यात है। एजेंसी का मानना है कि विशाल सिंह संगठन के शहरी नेटवर्क का हिस्सा था, जो खासतौर पर बुद्धिजीवियों, छात्रों और समाजसेवियों के माध्यम से प्रचार-प्रसार और भर्ती कार्यों में लगा हुआ था।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतराएनआईए सूत्रों का कहना है कि विशाल सिंह की गिरफ्तारी से कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं, जो माओवादी संगठनों के शहरी नेटवर्क और फंडिंग स्रोतों को उजागर कर सकते हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस गिरफ्तारी से संगठन की साजिश को बड़ा झटका लगा है।
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियांउल्लेखनीय है कि इससे पहले भी एनआईए ने माओवादी नेटवर्क को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के तहत कई लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया है। इन सभी मामलों में समान पैटर्न देखा गया है — डिजिटल उपकरणों और दस्तावेज़ों के माध्यम से आपसी समन्वय और योजना बनाना।
एनआईए की कड़ी निगरानीएनआईए इस पूरे नेटवर्क पर लगातार निगरानी बनाए हुए है। एजेंसी का मानना है कि माओवादी संगठन भले ही जंगलों और ग्रामीण इलाकों में कमजोर पड़ गया हो, लेकिन शहरी क्षेत्रों में यह बौद्धिक और वैचारिक समर्थन जुटाकर खुद को पुनर्जीवित करने की कोशिश में लगा है।
फिलहाल, विशाल सिंह से एनआईए पूछताछ कर रही है और जल्द ही उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। इस मामले को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और देशभर में माओवादी गतिविधियों पर निगरानी और तेज़ कर दी गई है।
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