सावन का पवित्र महीना देव आराधना, मंत्र जाप और स्तोत्र पाठ के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव के साथ-साथ उनके प्रिय पुत्र श्री गणेश की उपासना का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि यदि कोई श्रद्धालु सावन में पूरे नियम और श्रद्धा से श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ करता है, तो उसे न केवल धनलाभ होता है, बल्कि जीवन के सभी कार्य भी निर्विघ्न रूप से सिद्ध होते हैं।
क्या है श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम्?
श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् एक अत्यंत प्रभावशाली स्तुति है जिसमें भगवान गणेश के बारह पावन नामों का स्मरण किया जाता है। इन नामों में उनकी शक्तियों, स्वरूपों और दिव्य गुणों का वर्णन होता है। यह स्तोत्र श्री गणेश जी के बारह प्रमुख स्वरूपों को नमन करता है – जैसे सुमुख, एकदंत, कपिल, गजवक्त्र, लंबोदर, विकट, विघ्नराज, धूम्रवर्ण, भालचंद्र, विनायक, गणपति और गजानन।इन नामों का नियमित उच्चारण नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सकारात्मकता, शांति तथा समृद्धि का संचार करता है।
धनलाभ के लिए क्यों है यह स्तोत्र अचूक उपाय?
भारतीय शास्त्रों के अनुसार, भगवान गणेश को 'विघ्नहर्ता' और 'सिद्धिदाता' कहा गया है। वे ही ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा किसी भी कार्य से पहले की जाती है। श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् का नियमित पाठ करने से व्यापार में वृद्धि, नौकरी में उन्नति, आर्थिक परेशानियों से मुक्ति और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो अपने जीवन में वित्तीय अस्थिरता, कर्ज़ या रुकावटों का सामना कर रहे हैं। इसे सुबह स्नान के बाद, शुद्ध स्थान पर बैठकर ग्यारह बार पढ़ना अत्यंत शुभ माना जाता है।
सावन में इसका महत्व और बढ़ जाता है
सावन का महीना जल, शुद्धता और तपस्या का प्रतीक है। यह वह समय होता है जब देवी-देवताओं की ऊर्जा पृथ्वी पर विशेष रूप से सक्रिय रहती है। श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ इस समय करना अत्यंत शुभ और फलदायी होता है। ऐसा माना जाता है कि जो श्रद्धालु इस मास में पूरे नियमों के साथ यह पाठ करता है, उसके जीवन से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं और लक्ष्मी का वास स्थायी हो जाता है।
पाठ की विधि
प्रातःकाल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थान पर दीपक जलाकर श्री गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
श्री गणेश को दूर्वा, मोदक और लाल पुष्प अर्पित करें।
अब श्रद्धा और विश्वास से श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ करें।
अंत में श्री गणेश जी से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन से सभी बाधाओं को दूर करें और धन-संपत्ति का आशीर्वाद दें।
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