राजस्थान यूनिवर्सिटी के इम्यूनिटी विभाग में रविवार को आयोजित आरएससीआईटी परीक्षा के दौरान एक बड़ी असंवेदनशीलता सामने आई। परीक्षा में शामिल होने आईं दिव्यांग छात्राओं को मात्र 5 मिनट की देरी से पहुंचने पर परीक्षा कक्ष में प्रवेश नहीं दिया गया। इससे नाराज छात्राओं और उनके साथियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, परीक्षा का समय निर्धारित होने के कुछ ही मिनट बाद दिव्यांग छात्राएं केंद्र पर पहुंचीं, लेकिन गेट पर तैनात अधिकारियों ने उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी। प्रशासन ने परीक्षा नियमों का हवाला देते हुए कहा कि देरी होने पर किसी भी उम्मीदवार को एंट्री नहीं दी जा सकती। लेकिन इस मामले में दिव्यांगता को देखते हुए किसी प्रकार की सहानुभूति या अतिरिक्त समय देने से भी इनकार कर दिया गया, जिससे छात्रों में गहरा आक्रोश फैल गया।
छात्राओं और उनके साथ आए अभिभावकों ने इसे अन्याय करार देते हुए यूनिवर्सिटी गेट के बाहर धरना दिया और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि दिव्यांग छात्रों के साथ इस तरह का व्यवहार पूरी तरह अमानवीय है और इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बातचीत कर मामले की जांच कराने और उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया।
दिव्यांग छात्राओं ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे पहले ही शारीरिक चुनौतियों का सामना कर रही हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन से उन्हें कुछ अतिरिक्त सहूलियत मिलनी चाहिए थी। "हमें 5 मिनट की देरी के कारण परीक्षा से वंचित कर देना बेहद अन्यायपूर्ण है। हमारी कोई गलती नहीं थी, फिर भी हमें इस तरह बाहर कर दिया गया," एक छात्रा ने कहा।
समाज के विभिन्न वर्गों ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। कई सामाजिक संगठनों और दिव्यांग कल्याण संस्थाओं ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए प्रशासन से दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए अलग व्यवस्था करने की मांग की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि दिव्यांग छात्रों के लिए परीक्षा नियमों में कुछ लचीलापन और मानवीय दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है, ताकि वे समान अवसर प्राप्त कर सकें।
फिलहाल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच कमेटी गठित करने की बात कही है, जो पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तैयार कर आगे की कार्रवाई की सिफारिश करेगी। वहीं, छात्र संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर अगले कुछ दिनों में और बड़े स्तर पर आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।
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