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क्या जारी होगा 75% अग्निवीरों की स्थाई नियुक्ति का प्रस्ताव ? अटकलों के बीच सेना ने किया 'दूध का दूध-पानी का पानी'

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सेना ने उस मीडिया रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण दिया है जिसमें दावा किया गया था कि सेना कमांडरों के सम्मेलन में 75% अग्निवीरों को स्थायी करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। सेना ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से झूठा और अटकलों पर आधारित बताया है। सेना ने कहा कि 23 अक्टूबर, 2025 को एक समाचार चैनल पर प्रकाशित "सेना कमांडरों की बैठक में चर्चा: अग्निवीरों की नियुक्ति दर 25% से बढ़ाकर 75% करने का प्रस्ताव" शीर्षक वाली मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से झूठी है। सेना द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ऐसी रिपोर्टें न केवल भ्रामक हैं, बल्कि बेहद गैर-ज़िम्मेदाराना भी हैं। सेना कमांडरों का सम्मेलन एक गोपनीय, बंद कमरे में होने वाली बैठक होती है जिस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जाती।

सेना ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि रिपोर्ट में उल्लिखित अधिकांश मुद्दे गलत हैं, जिनमें अग्निवीरों की स्थायी नियुक्तियों का प्रतिशत बढ़ाने का मुद्दा भी शामिल है। सेना ने कहा कि यह रिपोर्ट केवल सनसनीखेज बनाने के लिए बनाई गई थी और इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।

रिपोर्ट में क्या था?

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जैसलमेर में होने वाले आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में कुछ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें मुख्य रूप से तीन बिंदु शामिल थे:

पहला: अग्निवीरों की स्थायी रोज़गार दर को मौजूदा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। इसका मतलब है कि वर्तमान में केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही स्थायी रोज़गार दिया जाता है, जिससे यह बढ़कर 75 प्रतिशत हो जाएगा।

दूसरा: तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) के बीच समन्वय और संयुक्त अभियानों को और मज़बूत करने के उपाय।

तीसरा: मिशन सुदर्शन चक्र के कार्यान्वयन की समीक्षा, यानी यह आकलन करना कि योजना कितनी सफलतापूर्वक क्रियान्वित हो रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के एजेंडे में इन तीन मुद्दों को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा।

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