भारत की पहली महिला ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खिलाड़ियों के प्रति नीतियों की सराहना करते हुए एक भावुक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का मलाल है कि जब उन्होंने देश के लिए ओलंपिक में पदक जीता, उस समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों नहीं थे। ‘मोदी स्टोरी’ के ‘X’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर साझा किए गए एक वीडियो में कर्णम मल्लेश्वरी ने 2014 के बाद देश में खेलों को लेकर आए सकारात्मक बदलावों का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया। उन्होंने कहा, “मुझे पीएम मोदी से ईर्ष्या होती है। ईर्ष्या इस बात की कि आखिर वो हमारे समय में क्यों नहीं थे? अगर वो हमारे समय में होते, तो जिन चुनौतियों का सामना हमें करना पड़ा, वह शायद नहीं करनी पड़ती।”
खिलाड़ियों के साथ पीएम मोदी की संवेदनशीलतामल्लेश्वरी ने कहा कि आज के दौर में खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधाएं मिल रही हैं और अगर किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन कभी अपेक्षानुसार नहीं होता, तो प्रधानमंत्री मोदी न केवल उन्हें प्रोत्साहित करते हैं बल्कि भविष्य में और बेहतर करने की प्रेरणा भी देते हैं। “प्रधानमंत्री कहते हैं कि चिंता मत कीजिए, हम आपके साथ हैं। उनका रवैया खिलाड़ियों के प्रति बहुत संवेदनशील और प्रेरणादायक है। वह हारने पर भी खिलाड़ियों की सराहना करते हैं, उनका मनोबल बढ़ाते हैं।”
यमुनानगर की एकेडमी और प्रधानमंत्री से मुलाकातअपने अनुभव साझा करते हुए कर्णम मल्लेश्वरी ने बताया कि उन्होंने यमुनानगर में एक खेल एकेडमी खोली है, जहां युवा खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था और आग्रह किया था कि वे बच्चों को आशीर्वाद देने आएं। “मैंने सोचा नहीं था कि प्रधानमंत्री जवाब देंगे क्योंकि उनका शेड्यूल बेहद व्यस्त होता है। लेकिन मुझे प्रधानमंत्री कार्यालय से कॉल आया और बताया गया कि मोदी जी आपसे मिलेंगे। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी।” उन्होंने आगे बताया कि जब उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री से हुई तो उन्होंने उनके प्रयासों की प्रशंसा की और कहा, “आपने बहुत अच्छा काम किया है। आपने देश का नाम रोशन किया। देश के लिए मेडल जीता।”
प्रधानमंत्री जैसा मजबूत समर्थन कभी नहीं मिलामल्लेश्वरी ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे देश के खिलाड़ी एक मजबूत समर्थन प्रणाली से जुड़े हैं। “मुझे लगा कि हमारे पीछे कोई बहुत बड़ा सपोर्ट सिस्टम है, जो हमारे लिए खड़ा है। प्रधानमंत्री ने मुझे आशीर्वाद भी दिया और मेरे प्रयासों को सराहा।”
निष्कर्षकर्णम मल्लेश्वरी के इस बयान ने एक बार फिर इस बात को उजागर किया है कि देश में खिलाड़ियों के सम्मान और समर्थन को लेकर बीते वर्षों में बड़ा बदलाव आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहलें और व्यक्तिगत दिलचस्पी आज खिलाड़ियों को मानसिक, आर्थिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बना रही है — एक ऐसा समर्थन जो कर्णम जैसी दिग्गज खिलाड़ियों को उनके समय में नहीं मिल सका।
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