भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष के बीच बिहार सरकार ने राज्य में सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में राज्य में करीब 2,000 सक्रिय स्वयंसेवक हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को सभी जिलाधिकारियों को इस बल के विस्तार की दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया। एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र, एनएसएस और स्काउट एंड गाइड के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनके स्वयंसेवकों को सहयोग के लिए जुटाने पर चर्चा की गई।
आपदा प्रबंधन विभाग के पास 9,000 प्रशिक्षित आपदा स्वयंसेवक भी हैं, जिन्हें सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों के साथ जन जागरूकता अभियान के लिए तैनात किया जाएगा। अमृत ने यह भी घोषणा की कि सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों के लिए दैनिक मानदेय में वृद्धि की जाएगी। वर्तमान में सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों को प्रतिदिन 400 रुपये पारिश्रमिक मिलता है, जिसे अब बढ़ाकर 700 रुपये किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें आधिकारिक ड्यूटी के लिए अलग से वर्दी भी दी जाएगी।
18 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग अपने-अपने जिलों में जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से संपर्क करके सिविल डिफेंस वालंटियर के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं। ये स्वयंसेवक जिला प्रशासन को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर आपातकालीन स्थितियों और मॉक ड्रिल के दौरान। प्रत्यय अमृत ने यह भी घोषणा की कि वर्तमान युद्धकालीन परिदृश्य के मद्देनजर, बेहतर समन्वय और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर के सभी पुलिस नियंत्रण कक्षों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे।
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