लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर) :- सफेद दाग वास्तव में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह त्वचा में मेलानिन की कमी के कारण होता है, जिससे त्वचा का रंग हल्का हो जाता है। यह रोग किसी व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। इस स्थिति में शारीरिक दर्द, जलन या खुजली नहीं होती, केवल चेहरे पर दाग दिखाई देते हैं। सफेद दाग के कारण व्यक्ति मानसिक तनाव और हीनता की भावना का सामना कर सकता है।
सफेद दाग के लक्षण
इस स्थिति में, शरीर के किसी भी हिस्से पर पीले रंग का छोटा दाग बनता है, जो बाद में सफेद हो जाता है। यह दाग धीरे-धीरे फैलकर बड़े चकत्ते का रूप ले सकता है।
सफेद दाग के कारण
दूषित आहार के सेवन से शरीर में विषैले तत्व जमा हो सकते हैं, जिससे सफेद दाग हो सकते हैं। आंतों में कीड़े लगने से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
इसके अलावा, सफेद दाग कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे पेचिश, कब्ज, त्वचा रोग, टायफाइड, तपेदिक (टी.बी.), एक्जिमा, दमा, मधुमेह, फोड़े, चोट, जलने और जिगर से संबंधित रोगों के कारण भी हो सकते हैं।
मल-मूत्र के वेग को रोकने और हार्मोनल असंतुलन के कारण भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
उपचार के उपाय
सफेद दाग कोई गंभीर समस्या नहीं है, इसलिए इसे लेकर निराश होने की आवश्यकता नहीं है। उचित उपचार से इसे जल्दी ठीक किया जा सकता है। यदि इसे समय पर नहीं रोका गया, तो ठीक होने में कुछ महीने से लेकर सालों तक का समय लग सकता है।
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