जीरा एक ऐसा मसाला है जिसे आपने कई बार अपने भोजन में डाला होगा। यह न केवल एक स्वादिष्ट मसाला है, बल्कि आयुर्वेद में इसकी औषधीय विशेषताओं के लिए भी इसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
प्राचीन समय में, ऋषि-मुनि विभिन्न औषधियों में मसालों का उपयोग करते थे, जिनमें जीरा भी शामिल था। यह न केवल खाने में स्वाद बढ़ाता है, बल्कि पाचन क्रिया को सुधारने में भी सहायक होता है। आइए जानते हैं जीरे के विभिन्न लाभ और इसके उपयोग के तरीके।
जीरा क्या है?
जीरा एक मसाला है जिसका उपयोग भारतीय रसोई में बहुतायत से किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Cuminum cyminum है। जीरा साबुत और पाउडर दोनों रूपों में प्रयोग किया जाता है।
पाचन क्रिया में सुधार
जीरा पाचन में सुधार लाने में मदद करता है। यदि आपको गैस, अपच या एसिडिटी की समस्या है, तो जीरे का पानी और काला नमक मिलाकर पीने से राहत मिलती है।
सर्दी, जुकाम और बुखार
अगर आपको सर्दी या जुकाम हो गया है, तो भुने हुए जीरे को सूंघने से राहत मिल सकती है। जीरे में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो बुखार को कम करने में मदद करते हैं।
हार्ट अटैक से सुरक्षा
जीरा वजन कम करने में सहायक होता है और यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। रात में दो चम्मच जीरे को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट पीने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।
एनीमिया का उपचार
जीरे में आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद करती है। यदि आप एनीमिया से ग्रस्त हैं, तो जीरे का सेवन करें।
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