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क्या जीभ कटने के पीछे छिपे हैं गूढ़ संकेत? जानें ज्योतिषीय दृष्टिकोण से

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जीभ कटने के पीछे के रहस्य

जीभ का कटना एक सामान्य शारीरिक घटना प्रतीत होती है, लेकिन ज्योतिष और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, यह कई मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक संकेतों से जुड़ा होता है। चाहे यह अचानक जीभ कटने की घटना हो, बार-बार होने वाली समस्या या सपने में जीभ का कटना, हर स्थिति का एक विशेष अर्थ होता है।


जीभ कटने के ज्योतिषीय संकेत
  • अचानक जीभ का कटना:
    यह संकेत करता है कि आपके चारों ओर कोई खतरा या नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय हो सकती है। सतर्क रहना और सावधानी बरतना आवश्यक है।

  • अल्प समय में बार-बार जीभ कटना:
    यह दर्शाता है कि आप किसी गलती को बार-बार दोहरा रहे हैं या आपके जीवन में अनुशासन की कमी है। यह आत्मनिरीक्षण का समय है—गलतियों से सीखें और दोहराव से बचें।

  • लगातार जीभ का कटना:
    यह बताता है कि आपकी वाणी अनियंत्रित है। आप जरूरत से ज्यादा बोल रहे हैं या अनावश्यक बातें फैला रहे हैं। कम बोलें और सोच-समझकर बोलें।

  • जीभ कटना और सकारात्मक परिवर्तन:
    यदि आप अपने जीवन में आंतरिक शांति और सकारात्मकता का अनुभव कर रहे हैं और उसी समय जीभ कट जाए, तो यह संकेत हो सकता है कि आप नकारात्मकता से उबरकर सही दिशा में बढ़ रहे हैं।

  • सपने में जीभ का कटना:
    यह भविष्य में वाणी से संबंधित किसी समस्या या संभावित विवाद का संकेत हो सकता है। सतर्क रहें, बोलचाल में संयम रखें, अन्यथा आपके शब्द आपको हानि पहुँचा सकते हैं।

  • खाना खाते समय बार-बार जीभ का कटना:
    यह संकेत करता है कि आपके अंदर धैर्य की कमी है। न केवल भोजन के समय, बल्कि जीवन में भी आपको संयम और ठहराव लाने की आवश्यकता है।

  • नींद में जीभ का कटना:
    यह संकेत देता है कि आपकी वाणी किसी को आहत कर रही है। ध्यान दें कि आपके शब्दों से किसी का मन न दुखे।


  • उपाय और सलाह
    • क्रोध या आवेश की स्थिति में वाणी पर नियंत्रण रखें।

    • गुप्त बातों को साझा करने से बचें।

    • अनावश्यक चर्चाओं में न उलझें।

    • भोजन करते समय शांति और ध्यान बनाए रखें।

    • नियमित रूप से हनुमान चालीसा या गायत्री मंत्र का पाठ करने से वाणी दोष कम होता है।


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