नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद का आरोप लगाकर भारत पर टैरिफ तो लगा दिया, लेकिन साढ़े तीन साल से जारी युद्ध को रुकवा पाने में वो अब तक नाकाम रहे हैं। ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाते वक्त आरोप लगाया था कि दक्षिण एशिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश को इससे फर्क नहीं पड़ रहा कि यूक्रेन में खून बह रहा है। टैरिफ लगाने की वजह बताते हुए ट्रंप ने आरोप लगाया था कि रूस से भारत कच्चा तेल और हथियार खरीदकर यूक्रेन से हो रही जंग में परोक्ष मदद दे रहा है। वहीं, भारत ने ट्रंप की ओर से अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर आईना दिखाते हुए कहा था कि अमेरिका और यूरोप के देश खुद रूस से तमाम सामान खरीद रहे हैं।
अमेरिका के वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट (बाएं) और ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भी भारत पर निशाना साधा था।ट्रंप ने जब रूस की मदद करने का आरोप लगाकर भारत पर टैरिफ को 50 फीसदी कर दिया, तो उसके बाद उनके सहयोगियों ने नया राग छेड़ा। अमेरिका के वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने बयान दिया कि भारत की ऑयल लॉबी रूस से कच्चा तेल लेकर फायदा उठा रही है। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने आरोप लगाया कि भारत के कुछ धनपति रूस से कच्चा तेल लेकर फायदा कमा रहे हैं। ट्रंप और उनके इन सहयोगियों की तरफ से लगाए जा रहे आरोपों पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अब सीधा जवाब दिया है कि जिसे भारत से परिष्कृत तेल (पेट्रोल, डीजल) न लेना हो वो न ले। जबकि, विदेश मंत्रालय पहले ही ये खुलासा कर चुका है कि अमेरिका में बाइडेन प्रशासन के दौरान भारत से कहा गया था कि वो रूस से कच्चा तेल लेकर बेचे। ताकि कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी को रोका जा सके।
भारत पर टैरिफ लगाने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी डोनाल्ड ट्रंप का सबके सामने नकाब उतार चुके हैं। अलास्का में जब ट्रंप से मिलने पुतिन गए थे, तो रूस के राष्ट्रपति ने मीडिया के सामने ये खुलासा किया था कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने के बाद दोनों देशों के कारोबार में 20 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। यानी पुतिन ने संकेतों में साफ कर दिया कि भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाना गलत है। वहीं, भारत के साथ पड़ोसी देश चीन भी खड़ा हो गया है। चीन सरकार ने साफ कहा है कि टैरिफ के जरिए दबाव डालना ठीक नहीं है। भारत में चीन के राजदूत तो ये तक कह चुके हैं कि अगर किसी दबंग को जवाब न दिया गया, तो वो और भी दबंगई करता है। ऐसे में अब ट्रंप के सामने ये सवाल खड़ा हो गया है कि रूस और यूक्रेन का युद्ध कैसे रुकवाएं? दरअसल, लगता ये है कि डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार की लालसा है। इसी वजह से वो टैरिफ के खेल से चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन की जंग किसी तरह रुक जाए। नोबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप कितने लालायित हैं, ये इससे पता चलता है कि वो ये गलत दावा तक कर चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान का सैन्य संघर्ष उन्होंने ही रुकवाया।
The post Trump Tariff Not Working: भारत पर टैरिफ लगाकर भी रूस और यूक्रेन का युद्ध नहीं रुकवा सके डोनाल्ड ट्रंप, नोबेल शांति पुरस्कार की चाहत में अमेरिका के राष्ट्रपति कर रहे ये खेल? appeared first on News Room Post.
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