बिहार की राजनीति में कब क्या हो जाए,इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। यहां की सियासत हमेशा से ही नाटकीय मोड़,पारिवारिक कलह और सनसनीखेज बयानों के लिए जानी जाती रही है। इसी कड़ी में एक बार फिर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री,तेज प्रताप यादव ने एक ऐसा बयान देकर हलचल मचा दी है,जिससे उनकी अपनी ही पार्टी और परिवार में असहजता बढ़ सकती है।तेज प्रताप,जो अपने बेबाक और कभी-कभी हैरान कर देने वाले अंदाज के लिए जाने जाते हैं,ने आरोप लगाया है कि उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने के लिए एक बड़ी साजिश रची गई थी। और यह साजिश किसी बाहरी ने नहीं,बल्कि5खास परिवारों ने मिलकर की थी।क्या है तेज प्रताप का आरोप?तेज प्रताप का कहना है कि ये वो लोग हैं जो नहीं चाहते थे कि वे राजनीति में आगे बढ़ें। उन्होंने दावा किया कि जब वे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री थे,तब उनके खिलाफ एक गहरा षड्यंत्र रचा गया था। उन्हें बदनाम करने और उनके काम में अड़चनें डालने की हर संभव कोशिश की गई,ताकि उनकी छवि खराब हो और उनका राजनीतिक कद न बढ़ पाए।हालांकि,तेज प्रताप ने अभी तक इन5परिवारों के नाम का खुलासा नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि वे जल्द ही इन सभी के नाम उजागर करेंगे और बताएंगे कि कैसे इन लोगों ने मिलकर उन्हें राजनीति से बाहर करने की योजना बनाई थी।इस बयान के क्या हैं मायने?तेज प्रताप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में विधानसभा चुनावों की आहट शुरू हो चुकी है। उनके इस आरोप ने कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है:क्या ये परिवारRJDके अंदर के ही हैं?सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि जिन परिवारों पर वे निशाना साध रहे हैं,क्या वे पार्टी के ही बड़े नेता हैं?पारिवारिक कलह या राजनीतिकestrategia?क्या यह बयान यादव परिवार के अंदर चल रही किसी अंदरूनी खींचतान का नतीजा है,या फिर यह विरोधियों पर दबाव बनाने की कोई राजनीतिक चाल है?समय का सवाल:उन्होंने यह खुलासा करने के लिए यही समय क्यों चुना?क्या वे पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर कोई बड़ा संकेत देना चाहते हैं?तेज प्रताप के इस "खुलासे" ने बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या वे सच में उन पांच परिवारों के नाम सामने लाएंगे,और अगर लाते हैं,तो बिहार की राजनीति में कौन सा नया तूफान आएगा।
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