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कारोबार शुरू करने में विफल रहीं 3300 कंपनियों को आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाया जाएगा

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अहमदाबाद: कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय 3,300 से अधिक कंपनियों के नाम आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने की तैयारी कर रहा है। इन कंपनियों के नाम हटाने के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं।

मंत्रालय के पास उपलब्ध नवीनतम जानकारी के अनुसार, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कंपनी रजिस्ट्रारों ने कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार इन कंपनियों के नाम हटाने के संबंध में अप्रैल में सार्वजनिक नोटिस जारी किए थे।

आंकड़े बताते हैं कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 3,300 से अधिक कंपनियों को आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने की प्रक्रिया चल रही है। कुल कम्पनियों में से 700 से अधिक महाराष्ट्र में, लगभग 500 दिल्ली में, 350 से अधिक कर्नाटक में तथा 200 से अधिक गुजरात, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हैं।

कंपनी रजिस्ट्रार को कंपनी अधिनियम की धारा 248(2) के तहत कुछ आधारों पर कंपनियों से आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें यह भी शामिल था कि वे अपने निगमन के एक वर्ष के भीतर व्यवसाय शुरू करने में विफल रहीं या उन्होंने दो वित्तीय वर्षों से कोई व्यवसाय या परिचालन नहीं किया।

इन कम्पनियों ने अनुरोध किया है कि उनके नाम सरकारी रिकार्ड से हटा दिये जाएं। धारा 248(2) के तहत कोई कंपनी विशेष प्रस्ताव द्वारा या चुकता शेयर पूंजी के संबंध में अपने 75% सदस्यों की सहमति से, अपनी सभी देनदारियों के निर्वहन के बाद, कुछ शर्तों के अधीन उनके नाम हटाने के लिए आवेदन दायर कर सकती है।

इस वर्ष मार्च के अंत में देश में कुल 28,52,449 पंजीकृत कंपनियों में से 18,50,932 सक्रिय कंपनियां थीं। 37 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में, महाराष्ट्र (19 प्रतिशत) सबसे अधिक सक्रिय कंपनियों वाला राज्य है, उसके बाद दिल्ली (14 प्रतिशत) और पश्चिम बंगाल (8 प्रतिशत) का स्थान है। फरवरी 2025 की तुलना में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में सक्रिय कंपनियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है।

केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू और कश्मीर में फरवरी 2025 की तुलना में 143 कंपनियों की वृद्धि देखी गई है।

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