नवी मुंबई: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप 2025 के फाइनल में जगह बना ली है। डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी के मैदान पर भारत ने डिफेडिंग चैंपियंस ऑस्ट्रेलिया को हराकर बाहर कर दिया। पहले खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 338 रन बनाए थे। जवाब में जेमिमा रोड्रिग्स की शतकीय पारी से भारत ने असंभव दिख रहे लक्ष्य को 49 ओवर में हासिल कर लिया। टीम इंडिया को मैच में 5 विकेट से जीत मिली। यह महिला वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा रनचेज है। इसके साथ ही यह विश्व कप इतिहास के नॉकआउट में सबसे बड़ा रन चेज है। अभी तक पुरुषों के विश्व कप में भी ऐसा नहीं हुआ था। 2 नवंबर को विश्व कप के फाइनल में भारतीय टीम का सामना साउथ अफ्रीका से होगा। अभी तक दोनों ही टीमों ने विश्व कप का खिताब नहीं जीता है।
जेमिमा के बल्ले से निकला शतक
भारत के लिए जेमिमा रोड्रिग्स ने शतक लगाया। वह अंत तक नाबाद रही और टीम को फाइनल में पहुंचा दिया। उन्होंने 127 रनों की पारी खेली। उन्होंने 134 गेंदों का सामना किया और 14 चौके मारे। तीसरे विकेट के लिए हरमनप्रीत कौर के साथ जेमिमा ने 167 रनों की साझेदारी बनाई। 156 गेंदों की इस साझेदारी ने मैच को भारत की तरफ मोड़ दिया। हरमनप्रीत कौर शतक से चूक गईं। उन्होंने 88 गेंद पर 89 रनों की पारी खेली। दीप्ति शर्मा ने 17 गेंद पर 24 जबकि ऋचा घोष ने 16 गेंद पर 26 रनों का योगदान दिया। अंत में अमनजोत कौर ने 8 गेंद पर 15 रनों की नाबाद पारी खेली।
लिचफील्ड ने जड़ा था ऑस्ट्रेलिया के लिए शतक
सलामी बल्लेबाज फोबे लिचफील्ड ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 119 रन रनों की पारी खेली। एलिस पेरी (77 रन) और एश्ले गार्डनर (63 रन) के बल्ले से भी अर्धशतक निकला। बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी ने 49 रन देकर दो विकेट लिए। मेहमान टीम दो विकेट पर 220 रन के स्कोर से छह विकेट पर 265 रन तक पहुंच गई लेकिन इसके बाद गार्डनर की 45 गेंद में चार चौके और इतने ही छक्के जड़ित पारी ने टीम को 300 रन के पार करा दिया। टीम एक गेंद रहते 338 रन के स्कोर पर सिमट गई।
लिचफील्ड ने 93 गेंद की पारी के दौरान 17 चौके और तीन छक्के जड़े। पेरी ने 88 गेंद में छह चौके और दो छक्के जमाए। लिचफील्ड और पेरी ने दूसरे विकेट के लिए 133 गेंद में 155 रन की साझेदारी निभाई। पारी की शुरुआत में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने तीसरे ओवर में एलिसा हीली का कैच छोड़कर उन्हें जीवनदान दिया। हालांकि अंतिम एकादश में वापसी करने वाली ऑस्ट्रेलियाई कप्तान छठे ओवर में सस्ते में आउट हो गईं।
लिचफील्ड की शानदार पारी का अंत अमनजोत कौर की गेंद पर हुआ जिसे वह डीप फाइन लेग में खेलना चाह रही थीं लेकिन इससे उनके मिडिल स्टंप उखड़ गए। पेरी उनका अच्छा साथ निभा रही थीं और उन्होंने अर्धशतक जड़कर टीम के लिए अहम योगदान दिया। वह राधा यादव की गेंद पर बोल्ड हुईं। भारतीय गेंदबाजों को अनुशासित रहने की जरूरत थी लेकिन क्रांति गौड़ लाइन एवं लेंथ में अनिरंतर रहीं तो रेणुका सिंह अपनी चिर परिचित इन स्विंग नहीं हासिल कर पाईं। भारत की सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली दीप्ति (73 रन देकर दो विकेट) को आखिरी क्षणों में दो विकेट मिले।
जेमिमा के बल्ले से निकला शतक
भारत के लिए जेमिमा रोड्रिग्स ने शतक लगाया। वह अंत तक नाबाद रही और टीम को फाइनल में पहुंचा दिया। उन्होंने 127 रनों की पारी खेली। उन्होंने 134 गेंदों का सामना किया और 14 चौके मारे। तीसरे विकेट के लिए हरमनप्रीत कौर के साथ जेमिमा ने 167 रनों की साझेदारी बनाई। 156 गेंदों की इस साझेदारी ने मैच को भारत की तरफ मोड़ दिया। हरमनप्रीत कौर शतक से चूक गईं। उन्होंने 88 गेंद पर 89 रनों की पारी खेली। दीप्ति शर्मा ने 17 गेंद पर 24 जबकि ऋचा घोष ने 16 गेंद पर 26 रनों का योगदान दिया। अंत में अमनजोत कौर ने 8 गेंद पर 15 रनों की नाबाद पारी खेली।
लिचफील्ड ने जड़ा था ऑस्ट्रेलिया के लिए शतक
सलामी बल्लेबाज फोबे लिचफील्ड ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 119 रन रनों की पारी खेली। एलिस पेरी (77 रन) और एश्ले गार्डनर (63 रन) के बल्ले से भी अर्धशतक निकला। बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी ने 49 रन देकर दो विकेट लिए। मेहमान टीम दो विकेट पर 220 रन के स्कोर से छह विकेट पर 265 रन तक पहुंच गई लेकिन इसके बाद गार्डनर की 45 गेंद में चार चौके और इतने ही छक्के जड़ित पारी ने टीम को 300 रन के पार करा दिया। टीम एक गेंद रहते 338 रन के स्कोर पर सिमट गई।
लिचफील्ड ने 93 गेंद की पारी के दौरान 17 चौके और तीन छक्के जड़े। पेरी ने 88 गेंद में छह चौके और दो छक्के जमाए। लिचफील्ड और पेरी ने दूसरे विकेट के लिए 133 गेंद में 155 रन की साझेदारी निभाई। पारी की शुरुआत में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने तीसरे ओवर में एलिसा हीली का कैच छोड़कर उन्हें जीवनदान दिया। हालांकि अंतिम एकादश में वापसी करने वाली ऑस्ट्रेलियाई कप्तान छठे ओवर में सस्ते में आउट हो गईं।
लिचफील्ड की शानदार पारी का अंत अमनजोत कौर की गेंद पर हुआ जिसे वह डीप फाइन लेग में खेलना चाह रही थीं लेकिन इससे उनके मिडिल स्टंप उखड़ गए। पेरी उनका अच्छा साथ निभा रही थीं और उन्होंने अर्धशतक जड़कर टीम के लिए अहम योगदान दिया। वह राधा यादव की गेंद पर बोल्ड हुईं। भारतीय गेंदबाजों को अनुशासित रहने की जरूरत थी लेकिन क्रांति गौड़ लाइन एवं लेंथ में अनिरंतर रहीं तो रेणुका सिंह अपनी चिर परिचित इन स्विंग नहीं हासिल कर पाईं। भारत की सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली दीप्ति (73 रन देकर दो विकेट) को आखिरी क्षणों में दो विकेट मिले।
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