लखनऊ: नगर निगम कार्यकारिणी की गुरुवार को हुई बैठक फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। सुबह 11 बजे बैठक शुरू होते ही कार्यकारिणी सदस्यों ने कूड़ा उठाने से लेकर स्ट्रीट लाइटों के मुद्दे पर अफसरों को घेरा। अपर नगर आयुक्त नम्रता सिंह पर कार्रवाई की मांग को लेकर कई पार्षद धरने पर बैठ गए।   
   
इस बीच मेयर सुषमा खर्कवाल ने नगर आयुक्त से कहा कि उनकी ओर से पिछली बैठकों से जुड़ी कार्ययोजना के मिनट्स और पुनरीक्षित बजट की जानकारी नहीं दी गई है। जवाब में नगर आयुक्त गौरव कुमार ने मेयर कैंप कार्यालय को दोनों दस्तावेज भेजने का दावा किया। नगर आयुक्त के जवाब से हंगामा बढ़ गया। करीब एक घंटे पांच मिनट बाद बैठक स्थगित हो गई और शहर के विकास के मुद्दे धरे रह गए।
     
अब मेयर का आरोप है कि ढाई साल में किसी भी संकल्प पर काम नहीं हुआ है। जब तक संकल्पों पर कार्यकारिणी में फैसला नहीं लिया जाता, तब तक कार्यकारिणी की आगामी बैठक नहीं होगी।
     
'मैडम... पुनरीक्षित बजट भेजा था, आपके कार्यालय से लौटा दिया गया'
पुनरीक्षित बजट मेयर कैंप कार्यालय बकायदा डाक से भेजा गया था, लेकिन वहां तैनात कर्मचारी सुखदेव ने रिसीव करने से इनकार कर दिया।जानकारी पर नगर आयुक्त ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। इस पर कर्मचारी ने बताया कि मेयर कैंप कार्यालय में तैनात राजू के कहने पर फाइल रिसीव नहीं की थी। हालांकि नगर आयुक्त ने संतोषजनक जवाब नहीं मानते हुए कर्मचारी सुखदेव का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही दूसरे कर्मचारी राजू वर्मा के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए है। माना जा रहा है कि दोनों के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
   
मेयर ने क्या कहा?
मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि सबसे गंभीर लापरवाही पुनरीक्षित बजट के मामले में देखने को मिली है। पुनरीक्षित बजट गोपनीय और महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जिस पर नगर आयुक्त, प्रभारी अधिकारी और विभागाध्यक्षों के साथ विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। हालांकि निगम प्रशासन ने केवल चपरासी और डाक के माध्यम से भेज दिया। यह न केवल प्रक्रियागत गलती है, बल्कि बजट जैसी गंभीर प्रक्रिया के प्रति प्रशासन की लापरवाही भी है। आगे कहा कि बजट कोई औपचारिक दस्तावेज नहीं, बल्कि शहर के विकास की दिशा तय करने का आधार होता है।
   
इसके साथ ही मेयर ने कहा कि दस करोड़ बजट जारी होने के बावजूद सड़को पर हुए गड्ढे पूरी तरह से भर नहीं चुके है। कार्यकारिणी की बैठक में पुनरीक्षित बजट पर कोई चर्चा नहीं हुई है। पैचवर्क के लिए 23 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट देने की अधिकारियों ने मांग उठाई थी। इस पर मेयर कहा कि दोबारा कार्यकारिणी बुलाई जाएगी, इसके लिए अधिकारियों से तारीख तय करने को कहा है।
  
इस बीच मेयर सुषमा खर्कवाल ने नगर आयुक्त से कहा कि उनकी ओर से पिछली बैठकों से जुड़ी कार्ययोजना के मिनट्स और पुनरीक्षित बजट की जानकारी नहीं दी गई है। जवाब में नगर आयुक्त गौरव कुमार ने मेयर कैंप कार्यालय को दोनों दस्तावेज भेजने का दावा किया। नगर आयुक्त के जवाब से हंगामा बढ़ गया। करीब एक घंटे पांच मिनट बाद बैठक स्थगित हो गई और शहर के विकास के मुद्दे धरे रह गए।
अब मेयर का आरोप है कि ढाई साल में किसी भी संकल्प पर काम नहीं हुआ है। जब तक संकल्पों पर कार्यकारिणी में फैसला नहीं लिया जाता, तब तक कार्यकारिणी की आगामी बैठक नहीं होगी।
'मैडम... पुनरीक्षित बजट भेजा था, आपके कार्यालय से लौटा दिया गया'
पुनरीक्षित बजट मेयर कैंप कार्यालय बकायदा डाक से भेजा गया था, लेकिन वहां तैनात कर्मचारी सुखदेव ने रिसीव करने से इनकार कर दिया।जानकारी पर नगर आयुक्त ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। इस पर कर्मचारी ने बताया कि मेयर कैंप कार्यालय में तैनात राजू के कहने पर फाइल रिसीव नहीं की थी। हालांकि नगर आयुक्त ने संतोषजनक जवाब नहीं मानते हुए कर्मचारी सुखदेव का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही दूसरे कर्मचारी राजू वर्मा के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए है। माना जा रहा है कि दोनों के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
मेयर ने क्या कहा?
मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि सबसे गंभीर लापरवाही पुनरीक्षित बजट के मामले में देखने को मिली है। पुनरीक्षित बजट गोपनीय और महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जिस पर नगर आयुक्त, प्रभारी अधिकारी और विभागाध्यक्षों के साथ विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। हालांकि निगम प्रशासन ने केवल चपरासी और डाक के माध्यम से भेज दिया। यह न केवल प्रक्रियागत गलती है, बल्कि बजट जैसी गंभीर प्रक्रिया के प्रति प्रशासन की लापरवाही भी है। आगे कहा कि बजट कोई औपचारिक दस्तावेज नहीं, बल्कि शहर के विकास की दिशा तय करने का आधार होता है।
इसके साथ ही मेयर ने कहा कि दस करोड़ बजट जारी होने के बावजूद सड़को पर हुए गड्ढे पूरी तरह से भर नहीं चुके है। कार्यकारिणी की बैठक में पुनरीक्षित बजट पर कोई चर्चा नहीं हुई है। पैचवर्क के लिए 23 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट देने की अधिकारियों ने मांग उठाई थी। इस पर मेयर कहा कि दोबारा कार्यकारिणी बुलाई जाएगी, इसके लिए अधिकारियों से तारीख तय करने को कहा है।
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