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राहत... अब 15 नहीं 2 दिन में होगी KGMU में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी, कम होगा हार्ट पेशंट का इंतजार

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लखनऊ: लखनऊ स्थित केजीएमयू के लॉरी कार्डियोलॉजी में अब एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी के लिए मरीजों को 15 दिन तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हालत बहुत ज्यादा गंभीर न होने पर हार्ट के मरीजों को यह सुविधा महज दो दिन में मिल सकेगी। इसके साथ ही हड्डी रोग विभाग में भर्ती होने के लिए मरीजों को वेटिंग का दर्द नहीं झेलना पड़ेगा।



सोमवार को न्यू कार्डियोलॉजी विंग और आर्थोपेडिक सुपर स्पेशिएलिटी सेंटर शुरू होने के बाद यह सहूलियत मिलने लगेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन सुविधाओं का लोकार्पण करने के साथ ही 500 बेड के नए ट्रॉमा सेंटर समेत पांच बिल्डिंगों का शिलान्यास भी किया।



केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह के मुताबिक न्यू कार्डियोलॉजी विंग में 110 एचडीयू बेड और दो कैथ लैब बढ़ गई हैं। वहीं, आर्थोपेडिक सुपर स्पेशिएलिटी सेंटर बनने के बाद आर्थोपेडिक विभाग में 340 नए बेड़ बढ़े हैं। इसमें 220 बेड सामान्य हड्डी रोग के मरीजों के लिए हैं जबकि 60 बेड स्पोर्ट्स मेडिसिन और 60 बेड पीडियाट्रिक मेडिसिन के हैं। सात मंजिला इस बिल्डिंग में 24 एचडीयू बेड, 8 ऑपरेशन थिएटर और 24 प्राइवेट रूम हैं। दावा किया जा रहा है कि इस सेंटर के शुरू होने के बाद नी रिप्लेसमेंट, ऑर्थो स्कोपी, हिप रिप्लेसमेंट, हड्डी के ट्यूमर समेत अन्य सर्जरी की वेटिंग महज एक हफ्ता रह जाएगी।



खास बात है कि ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशिएलिटी सेंटर में अब एक ही छत के नीचे आर्थोपेडिक सर्जरी, स्पोर्ट्स मेडिसिन, पीडियाट्रिक सर्जरी, रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी जैसी सुविधाएं मिलेंगी। वह भी बेहद कम समय में।



'लारी, सीटीवीएस पर कम होगा दबाव'

केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि क्वीनमेरी अस्पताल के पास 28 अवैध दुकानें हटाने की कोशिशें जारी हैं। कहा, सीएम योगी की सौगात से यहां की तकनीक, उपकरण और कार्यप्रणाली को राज्य के अन्य बड़े अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में भी लागू करने की योजना है। उन्होंने कहा, दिल के रोगियों को इलाज के लिए लारी कार्डियोलॉजी, पीजीआई और लोहिया संस्थान के सहारे ही रहना पड़ता था। मरीजों को अक्सर रेफर करना पड़ता था। अब नए भवन के शुरू होने से निजात मिलेगी। सुपर स्पेशिएलिटी सेंटर भी मील का पत्थर साबित होगा।



पीजीआई की तुलना में केजीएमयू देगा बेहतर नतीजे

कार्यक्रम के को-ऑर्डिनेटर डॉ. केके सिंह ने कहा कि इस सौगात के बाद पीजीआई में डेढ़ लाख का जो इलाज होता है केजीएमयू में महज 30 से 40 हजार रुपये में होगा। रोबॉटिक के अलावा अन्य उच्चीकृत सर्जरी जो पीजीआई में हफ्ते में दो होती हैं, अब केजीएमयू रोज दो करेगा। यह सुविधा अब शुरू हो गई है।

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