सागर। MP के सबसे बड़े शिक्षा संस्थान डॉ. हरीसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एक छात्रा को असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा करीब दो घंटे तक अपने चेंबर में बंधक बनाकर रखने का गंभीर और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जानकारी लगने पर HOD ने विभाग के अन्य शिक्षकों और स्टाफ को भेजकर छात्रा को बाहर निकाला है। जब टीम पहुंची तो दो छात्राएंं कमरे में बैठी रो रहीं थीं।
सागर के डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में एक शर्मनाक घटना सामने आई है। शिक्षा शास्त्र विभाग में पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति बाधवानी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी शिकायत करने और गाइड बदलने का आवेदन विभागाध्यक्ष को देने के कारण प्रताड़ित करते हुए एक छात्रा अपने केबिन में दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा है। छात्रा के कहने के बावजूद और माफी मांगने के बावजूद भी उन्होंने उसे नहीं जाने दिया।
टीम पहुंची तो फूट-फूटकर रो रहीं थी छात्राएं
शिक्षाशास्त्र विभाग के एचओडी डॉ. अनिल जैन को जब असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति बाधवानी द्वारा छात्राओं को अपने चैंबर में बंधक बनाकर रखने का मामला पता चला तो उन्होंने कुछ छात्रों को भेजा, लेकिन शिक्षिका ने छात्राओं को नहीं भेजा। बाद में HOD जैन ने विभाग के अन्य शिक्षक व स्टाफ को टीम बनाकर भेजा और जब उन्होंने दरवाजा खोला तो दो छात्रा अंदर फूट-फूटकर रो रही थी। मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुकी थीं। तत्काल उसे विश्वविद्यालय के अस्पताल ले जाया गया।
जबरन शिकायत करने के लिए दबाव बना रहीं थी
जिस छात्रा को उसकी असिस्टेंट प्रोफेसर ने बंधक बनाया था, उनको लेकर छात्रा का आरोप है कि उनकी गाइड और असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति बाधवानी उस पर जबरन विभागाध्यक्ष और प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के खिलाफ शिकायत लिखने दबाव बना रहीं थीं। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने दो घंटे तक कमरे में बैठाकर रखा। दूसरे शिक्षको के हस्तक्षेप के बाद उसे छोड़ा गया। मामले की शिकायत विभागाध्यक्ष ने विश्वविद्यालय प्रशासन से की है, जिसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच कराने की बात की है।
ऐसे समझे पूरा मामला, क्यों बंधक बनाया
दरअसल शिक्षाशास्त्र विभाग की दो छात्राओं ने करीब दो दिन पहले अपने गाइड प्रीति बधवानी को बदलने का आवेदन विभागाध्यक्ष को दिया था। इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी और दोनों छात्राओं को बयान देने और कारण पूछने कमेटी के समक्ष बुलाया था। करीब दो घंटे तक जब एक छात्रा उनके पास नहीं आई तो फैकल्टी को इसका कारण पता लगाने के लिए भेजा गया। स्टाफ ने वापस आकर बताया कि शिकायत करने वाली छात्रा दो घंटे से छात्रा असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति बाधवानी के पास बैठी है और रो रही है और वे उसे बाहर नहीं जाने दे रहीं। पूरे मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति बाधवानी का कहना है कि छात्रा को बंधक नहीं बनाया था। यह मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा जा रहा है।
छात्रा की मेडिकल हिस्ट्री है, रजिस्ट्रार को शिकायत भेजी
शिक्षा शास्त्र विभाग के एचओडी डॉ. अनिल जैन ने इस मामले में खुलकर बताया कि विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर ने छात्रा को दो घंटे तक कक्ष में बैठाकर रखा। दो छात्राओं ने गाइड बदलने आवेदन दिया था। जब छात्राएं पक्ष रखने नहीं आई तो पता किया। छात्रा कि मेडिकल हिस्ट्री भी है, तत्काल उसे उनके चेंबर से बाहर निकालकर अस्पताल भिजवाया था। पूरे मामले की विवि के रजिस्ट्रार से शिकायत की गई है।
सागर के डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में एक शर्मनाक घटना सामने आई है। शिक्षा शास्त्र विभाग में पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति बाधवानी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी शिकायत करने और गाइड बदलने का आवेदन विभागाध्यक्ष को देने के कारण प्रताड़ित करते हुए एक छात्रा अपने केबिन में दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा है। छात्रा के कहने के बावजूद और माफी मांगने के बावजूद भी उन्होंने उसे नहीं जाने दिया।
टीम पहुंची तो फूट-फूटकर रो रहीं थी छात्राएं
शिक्षाशास्त्र विभाग के एचओडी डॉ. अनिल जैन को जब असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति बाधवानी द्वारा छात्राओं को अपने चैंबर में बंधक बनाकर रखने का मामला पता चला तो उन्होंने कुछ छात्रों को भेजा, लेकिन शिक्षिका ने छात्राओं को नहीं भेजा। बाद में HOD जैन ने विभाग के अन्य शिक्षक व स्टाफ को टीम बनाकर भेजा और जब उन्होंने दरवाजा खोला तो दो छात्रा अंदर फूट-फूटकर रो रही थी। मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुकी थीं। तत्काल उसे विश्वविद्यालय के अस्पताल ले जाया गया।
जबरन शिकायत करने के लिए दबाव बना रहीं थी
जिस छात्रा को उसकी असिस्टेंट प्रोफेसर ने बंधक बनाया था, उनको लेकर छात्रा का आरोप है कि उनकी गाइड और असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति बाधवानी उस पर जबरन विभागाध्यक्ष और प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के खिलाफ शिकायत लिखने दबाव बना रहीं थीं। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने दो घंटे तक कमरे में बैठाकर रखा। दूसरे शिक्षको के हस्तक्षेप के बाद उसे छोड़ा गया। मामले की शिकायत विभागाध्यक्ष ने विश्वविद्यालय प्रशासन से की है, जिसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच कराने की बात की है।
ऐसे समझे पूरा मामला, क्यों बंधक बनाया
दरअसल शिक्षाशास्त्र विभाग की दो छात्राओं ने करीब दो दिन पहले अपने गाइड प्रीति बधवानी को बदलने का आवेदन विभागाध्यक्ष को दिया था। इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी और दोनों छात्राओं को बयान देने और कारण पूछने कमेटी के समक्ष बुलाया था। करीब दो घंटे तक जब एक छात्रा उनके पास नहीं आई तो फैकल्टी को इसका कारण पता लगाने के लिए भेजा गया। स्टाफ ने वापस आकर बताया कि शिकायत करने वाली छात्रा दो घंटे से छात्रा असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति बाधवानी के पास बैठी है और रो रही है और वे उसे बाहर नहीं जाने दे रहीं। पूरे मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति बाधवानी का कहना है कि छात्रा को बंधक नहीं बनाया था। यह मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा जा रहा है।
छात्रा की मेडिकल हिस्ट्री है, रजिस्ट्रार को शिकायत भेजी
शिक्षा शास्त्र विभाग के एचओडी डॉ. अनिल जैन ने इस मामले में खुलकर बताया कि विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर ने छात्रा को दो घंटे तक कक्ष में बैठाकर रखा। दो छात्राओं ने गाइड बदलने आवेदन दिया था। जब छात्राएं पक्ष रखने नहीं आई तो पता किया। छात्रा कि मेडिकल हिस्ट्री भी है, तत्काल उसे उनके चेंबर से बाहर निकालकर अस्पताल भिजवाया था। पूरे मामले की विवि के रजिस्ट्रार से शिकायत की गई है।
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