छतरपुर: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एक पंचायत सचिव को बगैर साक्ष्य और आवश्यक दस्तावेजों के जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह मामला जिले के ग्राम पंचायत महतौल का है, जहां के सचिव प्रेमचन्द्र रैकवार ने अंजुम खान नामक महिला का जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जबकि दावा है इस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है।
गलत प्रमाण पत्र जारी कर दियाजिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) नमः शिवाय अरजरिया ने एक आदेश में कहा कि गलत जन्म प्रमाण जारी करने की शिकायत की जांच के बाद प्रेमचन्द्र रैकवार के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से निलंबन की कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया कि रैकवार ने 24 सितंबर 2025 को इंदौर के गीता नगर की रहने वाली अंजुम खान का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया था।
बिना अनुमति के बनाया जन्म प्रमाण पत्रअरजरिया ने कहा कि अंजुम खान की जन्म तिथि 11 फरवरी 2008 है और एक वर्ष से अधिक अवधि का जन्म प्रमाण पत्र बगैर सक्षम अधिकारी के अनुमति आदेश के जारी नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि साथ ही ग्राम महतौल में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। जन्म प्रमाण पत्र बिना किसी साक्ष्य एवं आवश्यक दस्तावेज के जारी किया गया है।
सीईओ ने कहा कि रैकवार का यह कृत्य मध्यप्रदेश पंचायत सेवा आचरण नियम 1998 के अंतर्गत कदाचार की श्रेणी में आता है। जन्म प्रमाण पत्र वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर काफी किरकिरी हो रही थी। इसके बाद विभाग ने कार्रवाई की है। साथ ही प्रमाण पत्र की जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि यह मामला जिले के ग्राम पंचायत महतौल का है, जहां के सचिव प्रेमचन्द्र रैकवार ने अंजुम खान नामक महिला का जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जबकि दावा है इस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है।
गलत प्रमाण पत्र जारी कर दियाजिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) नमः शिवाय अरजरिया ने एक आदेश में कहा कि गलत जन्म प्रमाण जारी करने की शिकायत की जांच के बाद प्रेमचन्द्र रैकवार के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से निलंबन की कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया कि रैकवार ने 24 सितंबर 2025 को इंदौर के गीता नगर की रहने वाली अंजुम खान का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया था।
बिना अनुमति के बनाया जन्म प्रमाण पत्रअरजरिया ने कहा कि अंजुम खान की जन्म तिथि 11 फरवरी 2008 है और एक वर्ष से अधिक अवधि का जन्म प्रमाण पत्र बगैर सक्षम अधिकारी के अनुमति आदेश के जारी नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि साथ ही ग्राम महतौल में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। जन्म प्रमाण पत्र बिना किसी साक्ष्य एवं आवश्यक दस्तावेज के जारी किया गया है।
सीईओ ने कहा कि रैकवार का यह कृत्य मध्यप्रदेश पंचायत सेवा आचरण नियम 1998 के अंतर्गत कदाचार की श्रेणी में आता है। जन्म प्रमाण पत्र वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर काफी किरकिरी हो रही थी। इसके बाद विभाग ने कार्रवाई की है। साथ ही प्रमाण पत्र की जांच की जा रही है।
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