नई दिल्ली: मशहूर रेसलर और अभिनेता संग्राम सिंह एक्टिंग के अलावा मिक्सड मार्शल आर्ट में भी कमाल कर चुके हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने पाकिस्तानी रेसलर को महज 90 सेकंड में हराकर सनसनी फैला दी थी। अब यूरोप में होने वाले अपने अगले MMA मुकाबले के लिए कमर कस रहे संग्राम सिंह ने NBT से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी प्रतिद्वंद्वी के सामने महसूस किए गए दबाव को सबसे मुश्किल बताया।
पाकिस्तान से हारना मना था!
पाकिस्तानी रेसलर के खिलाफ मैच से पहले की रात को याद करते हुए संग्राम सिंह ने खुलासा किया कि उन पर कितना दबाव था। उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से बताऊं, तो उस रात को मुझे मुश्किल से दो घंटे नींद आई होगी। अगर कोई मेरा तापमान भी चेक करता, तो 100 से ऊपर ही मिलता।' संग्राम ने बताया कि उनके कोच ने भी उनसे स्पष्ट कह दिया था कि नेपाल या बांग्लादेश से हार जाना, लेकिन पाकिस्तान से मत हारना। उन्होंने कहा, 'जब सीने में उसका पहला मुक्का पड़ा, तब जाकर मैं जागा। तब आपको मालूम चलता है कि पाकिस्तान के खिलाफ खेलना सबसे ज्यादा मुश्किल होता है, फिर चाहे वो कोई भी खेल हो।'
40 की उम्र में MMA में एंट्री
संग्राम सिंह 40 साल की उम्र के बाद रेसलिंग से MMA में आने वाले भारत के पहले पहलवान हैं। उन्होंने बताया कि वह यह खेल इसलिए खेल रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी के बच्चे प्रभावित हों। उन्होंने कहा कि भारत में फुटबॉल और कॉम्बेट स्पोर्ट्स बहुत पॉपुलर हैं, लेकिन इन खेलों का कोई बड़ा भारतीय खिलाड़ी नहीं है, जो उन्हें बुरा लगता था। अब वह यूरोप की सबसे बड़ी लेवल फाइट लीग में हिस्सा लेने जा रहे हैं और ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय फाइटर होंगे।
व्हीलचेयर से रिंग तक का सफर
संग्राम सिंह ने अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर को भी याद किया। बचपन में गठिया बाय से जूझने के कारण वह 11 साल की उम्र तक करीब आठ साल व्हीलचेयर पर रहे थे। डॉक्टरों ने उनकी बीमारी ठीक न होने की बात कही थी। उन्होंने अपनी मां को इसका श्रेय देते हुए कहा कि उनकी मां की देखभाल के कारण ही वह आज यहां हैं। उन्होंने यह सबक दिया कि ऐसी कोई बीमारी नहीं जिसका इलाज संभव न हो।
घर का खाना ही सर्वश्रेष्ठ फिटनेस
आजकल की फिटनेस भ्रांतियों पर उन्होंने युवाओं को एक सीधा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी डायटिशियन के कहने पर घर का खाना कभी न छोड़ें। उनके अनुसार, घर की रोटी, चावल और दाल में शरीर को सब कुछ मिल जाता है। उन्होंने युवाओं को दिन में कम-से-कम 24 मिनट एक्सरसाइज करने की सलाह दी।
पाकिस्तान से हारना मना था!
पाकिस्तानी रेसलर के खिलाफ मैच से पहले की रात को याद करते हुए संग्राम सिंह ने खुलासा किया कि उन पर कितना दबाव था। उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से बताऊं, तो उस रात को मुझे मुश्किल से दो घंटे नींद आई होगी। अगर कोई मेरा तापमान भी चेक करता, तो 100 से ऊपर ही मिलता।' संग्राम ने बताया कि उनके कोच ने भी उनसे स्पष्ट कह दिया था कि नेपाल या बांग्लादेश से हार जाना, लेकिन पाकिस्तान से मत हारना। उन्होंने कहा, 'जब सीने में उसका पहला मुक्का पड़ा, तब जाकर मैं जागा। तब आपको मालूम चलता है कि पाकिस्तान के खिलाफ खेलना सबसे ज्यादा मुश्किल होता है, फिर चाहे वो कोई भी खेल हो।'
40 की उम्र में MMA में एंट्री
संग्राम सिंह 40 साल की उम्र के बाद रेसलिंग से MMA में आने वाले भारत के पहले पहलवान हैं। उन्होंने बताया कि वह यह खेल इसलिए खेल रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी के बच्चे प्रभावित हों। उन्होंने कहा कि भारत में फुटबॉल और कॉम्बेट स्पोर्ट्स बहुत पॉपुलर हैं, लेकिन इन खेलों का कोई बड़ा भारतीय खिलाड़ी नहीं है, जो उन्हें बुरा लगता था। अब वह यूरोप की सबसे बड़ी लेवल फाइट लीग में हिस्सा लेने जा रहे हैं और ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय फाइटर होंगे।
व्हीलचेयर से रिंग तक का सफर
संग्राम सिंह ने अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर को भी याद किया। बचपन में गठिया बाय से जूझने के कारण वह 11 साल की उम्र तक करीब आठ साल व्हीलचेयर पर रहे थे। डॉक्टरों ने उनकी बीमारी ठीक न होने की बात कही थी। उन्होंने अपनी मां को इसका श्रेय देते हुए कहा कि उनकी मां की देखभाल के कारण ही वह आज यहां हैं। उन्होंने यह सबक दिया कि ऐसी कोई बीमारी नहीं जिसका इलाज संभव न हो।
घर का खाना ही सर्वश्रेष्ठ फिटनेस
आजकल की फिटनेस भ्रांतियों पर उन्होंने युवाओं को एक सीधा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी डायटिशियन के कहने पर घर का खाना कभी न छोड़ें। उनके अनुसार, घर की रोटी, चावल और दाल में शरीर को सब कुछ मिल जाता है। उन्होंने युवाओं को दिन में कम-से-कम 24 मिनट एक्सरसाइज करने की सलाह दी।
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