नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। वहीं जेफरीज के ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रेटेजी क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने कहा है कि भारत पर 50% टैरिफ लगाने से भारतीय शेयर बाजार में डरने की कोई बात नहीं है। बल्कि, यह तो शेयर खरीदने का अच्छा मौका है। उनका मानना है कि ट्रंप को जल्द ही यह फैसला वापस लेना होगा, क्योंकि यह अमेरिका के हित में नहीं है।
रिपोर्ट में कही बातवुड ने अपनी रिपोर्ट 'ग्रीड एंड फियर' में लिखा है, यह याद रखना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप का विरोध करने पर हमेशा फायदा होता है। इसका मतलब है कि अगर आप ट्रंप के खिलाफ खड़े रहते हैं, तो अंत में आपको ही लाभ होगा। वुड का कहना है कि भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाना थोड़ा अजीब है। अब कुल टैरिफ 50% हो गया है। भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष (trade surplus) बहुत कम है। साथ ही भारत और अमेरिका के बीच भू-राजनीतिक संबंध भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
भारत पर टैरिफ को बताया गलतवुड ने कहा कि चीन रूस से बहुत अधिक तेल खरीद रहा है, लेकिन उस पर इस तरह के प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं। उनका मानना है कि भारत को इस तरह से निशाना बनाना अप्रत्याशित है। क्रिस्टोफर वुड के अनुसार, ट्रंप ने चीन, रूस, भारत और ब्राजील को एक साथ लाने का काम किया है। पहले ये देश इतने करीब नहीं थे, लेकिन अब ट्रंप की नीतियों के कारण ये एकजुट हो रहे हैं।
कैसा रहा बाजार का प्रदर्शनवुड ने बताया कि पिछले 12 महीनों में, जुलाई तक, भारतीय इक्विटी बाजार का प्रदर्शन अन्य बाजारों की तुलना में सबसे खराब रहा है। पिछले 15 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है। उन्होंने इसका कारण बहुत अधिक वैल्यूएशन और इक्विटी जारी करने का भारी कार्यक्रम बताया है। वैल्यूएशन का मतलब है कि शेयरों की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई थीं। इक्विटी जारी करने का मतलब है कि कंपनियां लगातार नए शेयर बेच रही थीं।
रिपोर्ट में कही बातवुड ने अपनी रिपोर्ट 'ग्रीड एंड फियर' में लिखा है, यह याद रखना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप का विरोध करने पर हमेशा फायदा होता है। इसका मतलब है कि अगर आप ट्रंप के खिलाफ खड़े रहते हैं, तो अंत में आपको ही लाभ होगा। वुड का कहना है कि भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाना थोड़ा अजीब है। अब कुल टैरिफ 50% हो गया है। भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष (trade surplus) बहुत कम है। साथ ही भारत और अमेरिका के बीच भू-राजनीतिक संबंध भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
भारत पर टैरिफ को बताया गलतवुड ने कहा कि चीन रूस से बहुत अधिक तेल खरीद रहा है, लेकिन उस पर इस तरह के प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं। उनका मानना है कि भारत को इस तरह से निशाना बनाना अप्रत्याशित है। क्रिस्टोफर वुड के अनुसार, ट्रंप ने चीन, रूस, भारत और ब्राजील को एक साथ लाने का काम किया है। पहले ये देश इतने करीब नहीं थे, लेकिन अब ट्रंप की नीतियों के कारण ये एकजुट हो रहे हैं।
कैसा रहा बाजार का प्रदर्शनवुड ने बताया कि पिछले 12 महीनों में, जुलाई तक, भारतीय इक्विटी बाजार का प्रदर्शन अन्य बाजारों की तुलना में सबसे खराब रहा है। पिछले 15 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है। उन्होंने इसका कारण बहुत अधिक वैल्यूएशन और इक्विटी जारी करने का भारी कार्यक्रम बताया है। वैल्यूएशन का मतलब है कि शेयरों की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई थीं। इक्विटी जारी करने का मतलब है कि कंपनियां लगातार नए शेयर बेच रही थीं।
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