रामबाबू मित्तल, मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार और एसडीएम निकिता शर्मा के बीच जारी विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। अब इस मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सांसद हरेंद्र मलिक खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष सीबीआई या आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से जांच की मांग की है।
मंत्री बनाम एसडीएम कुछ दिन पहले मंत्री अनिल कुमार ने एसडीएम सदर निकिता शर्मा पर अवैध प्लॉटिंग में भूमाफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा था। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद ब्राह्मण समाज में नाराजगी फैल गई। समाज ने मंत्री पर महिला अधिकारी की छवि खराब करने का आरोप लगाया और उनके समर्थन में माहौल बन गया।
दाल में कुछ काला जरूर है–हरेंद्र मलिकसपा सांसद हरेंद्र मलिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं पहली बार देख रहा हूं कि एक कैबिनेट मंत्री खुलेआम एसडीएम पर आरोप लगा रहे हैं और एसडीएम भी खुले तौर पर पलटवार कर रही हैं। इससे साफ है कि मामला गहरा है। उन्होंने कहा कि मंत्री और एसडीएम दोनों पर गंभीर आरोप लगे हैं, इसलिए दोनों की निष्पक्ष जांच जरूरी है।
पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोपहरेंद्र मलिक ने आरोप लगाया कि भूमाफिया खुलेआम जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और पुलिस उन्हें संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि थानों में सौदेबाजी आम हो गई है, थानेदार पीड़ितों से जमीन लिखवाने का दबाव बना रहे हैं। रथेड़ी गांव के एक पीड़ित शकील का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस उसका उत्पीड़न कर रही है।
डीएम ईमानदार, लेकिन व्यवस्था चरमराईसांसद ने कहा कि जिलाधिकारी भले ईमानदार हैं, लेकिन जिला प्रशासन की हालत बदतर है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर अधिकारी ईमानदार हैं तो जिले में भूमाफिया, फर्जी मुकदमे, अवैध खनन और रिश्वतखोरी क्यों चरम पर है?
वन और बिजली विभाग पर भी निशानामलिक ने आरोप लगाया कि मीरापुर में वन विभाग की मिलीभगत से खैर के पेड़ काटे जा रहे हैं और डीएफओ-डीएचओ मूकदर्शक बने हुए हैं। वहीं, बिजली विभाग पर भी पैसे लेकर मामलों को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कई गांवों में लाखों रुपये की वसूली हुई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ।
विपक्ष का काम है सरकार से सवाल पूछनाहरेंद्र मलिक ने चेताया कि यदि जनता की आवाज को दबाया गया तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम सवाल पूछना है, लेकिन सरकार असहमति पर मुकदमे लाद रही है। वहीं, उन्होंने किसान नेता नरेश टिकैत के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि पुलिस थानों में 9 एमएम की पिस्टलें और गोली मारने की छूट चिंताजनक है।
मंत्री बनाम एसडीएम कुछ दिन पहले मंत्री अनिल कुमार ने एसडीएम सदर निकिता शर्मा पर अवैध प्लॉटिंग में भूमाफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा था। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद ब्राह्मण समाज में नाराजगी फैल गई। समाज ने मंत्री पर महिला अधिकारी की छवि खराब करने का आरोप लगाया और उनके समर्थन में माहौल बन गया।
दाल में कुछ काला जरूर है–हरेंद्र मलिकसपा सांसद हरेंद्र मलिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं पहली बार देख रहा हूं कि एक कैबिनेट मंत्री खुलेआम एसडीएम पर आरोप लगा रहे हैं और एसडीएम भी खुले तौर पर पलटवार कर रही हैं। इससे साफ है कि मामला गहरा है। उन्होंने कहा कि मंत्री और एसडीएम दोनों पर गंभीर आरोप लगे हैं, इसलिए दोनों की निष्पक्ष जांच जरूरी है।
पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोपहरेंद्र मलिक ने आरोप लगाया कि भूमाफिया खुलेआम जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और पुलिस उन्हें संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि थानों में सौदेबाजी आम हो गई है, थानेदार पीड़ितों से जमीन लिखवाने का दबाव बना रहे हैं। रथेड़ी गांव के एक पीड़ित शकील का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस उसका उत्पीड़न कर रही है।
डीएम ईमानदार, लेकिन व्यवस्था चरमराईसांसद ने कहा कि जिलाधिकारी भले ईमानदार हैं, लेकिन जिला प्रशासन की हालत बदतर है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर अधिकारी ईमानदार हैं तो जिले में भूमाफिया, फर्जी मुकदमे, अवैध खनन और रिश्वतखोरी क्यों चरम पर है?
वन और बिजली विभाग पर भी निशानामलिक ने आरोप लगाया कि मीरापुर में वन विभाग की मिलीभगत से खैर के पेड़ काटे जा रहे हैं और डीएफओ-डीएचओ मूकदर्शक बने हुए हैं। वहीं, बिजली विभाग पर भी पैसे लेकर मामलों को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कई गांवों में लाखों रुपये की वसूली हुई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ।
विपक्ष का काम है सरकार से सवाल पूछनाहरेंद्र मलिक ने चेताया कि यदि जनता की आवाज को दबाया गया तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम सवाल पूछना है, लेकिन सरकार असहमति पर मुकदमे लाद रही है। वहीं, उन्होंने किसान नेता नरेश टिकैत के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि पुलिस थानों में 9 एमएम की पिस्टलें और गोली मारने की छूट चिंताजनक है।
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